लेख

बड़बोला बहादुर और बंकर

ज़ीनत क़िदवाई

ज़ीनत क़िदवाई

अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प अपनी ताक़त व सत्ता के नशे में दुनिया भर में अपनी शक्तिप्रदर्शन में लगे हैं लेकिन उनका अपना देश उनसे नहीं संभाल रहा है | कोरोना के सबसे ज़्यादा केस और मृतकों की संख्या में अमरीका नंबर एक पर है | ट्रम्प कोरोना संकट को पहचानने में नाकाम रहे या फिर कह सकते हैं कि दम्भ में अनदेखी की और WHO के निर्देशों को समय पर नहीं माना| मगर जब कोरोना ने अमरीका में बेकाबू हो गया तो WHO और चीन पर कोरोना फैलाने का आरोप भी लगा दिया| फिर तानाशाही दिखाते हुए WHO की फंडिंग भी रोक दी | यह हठधर्मिता नहीं तो और क्या है ? अब भारत और नेपाल विवाद के बीच अपनी टांग घुसेड़ने की कोशिश कर रहे हैं | लेकिन भारत और चीन ने ट्रम्प को टका सा जवाब देकर उनको उनकी औक़ात बता दी|

दुनिया के सर्वशक्तिमान नेता बनने का सपना देखने ववाले ट्रम्प महाशय अपने देश में एटीफा ग्रुप जो फासीवादी विरोधी समूह है को आतंकवादी संगठन घोषित करने की धमकी दे रहे हैं| अपने देश में ट्विटर का मुंह बंद करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि ट्विटर ने उनके एक ट्वीट पर फैक्ट चेक करने की बात कह दी थी | पिछले सोमवार (25 मई ) को अमेरिकी शहर मेनियोपोलिस में श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा अश्वेत फ्लॉयड लॉयड को जालसाज़ी से जुड़े एक मामले में पकड़ा था, वह पुलिस को सहयोग भी कर रहा था लेकिन एक श्वेत पुलिसकर्मी डेरेक चाओविन ने उसकी गर्दन को अपने घुटने से दबा दिया| जॉर्ज कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है| जिसके बाद वह बेहोश हो गया और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया |

जॉर्ज की मौत से लोग आक्रोशित हो गए और अमरीका में रंग भेद और नस्लभेद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए | फ्लॉयड जॉर्ज की मौत के बाद से अमेरिका में लगातार प्रदर्शन जारी हैं जो ट्रम्प प्रशासन के उग्र रवैये से हिंसक होते जा रहे हैं| इस समय अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू लगा हुआ है, पांच राज्यों में करीब 5000 हज़ार नेशनल गॉर्ड मोर्चा संभाले हैं| ट्रम्प प्रशासन प्रदर्शन को आतंकी घटनाओं की तरह पेश कर रहा है और प्रदर्शकारियों को आतंकवादी| ट्रम्प ने गवर्नरों को आदेश दिया है कि वह प्रदर्शनकारियों पर कोई रहम न करें|

ट्रम्प और प्रशासन इस समय कोरोना से परेशान तो था ही, इसी बीच यह प्रदर्शन उनके लिए कोढ़ में खाज साबित हो रहे हैं| कर्फ्यू के बाद भी प्रदर्शन जारी हैं, हद तो तब हो गयी जब प्रदर्शनकारी वाइट हाउस तक पहुँच गए| वह वहां पुलिस की बर्बरता के खिलाफ शांतिपूर्वक बैनर पोस्टर लहरा रहे थे मगर पुलिस कर्मियों ने उनको दबाने की पूरी कोशिश की जिससे हिंसा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी और दूनिया के तथाकथित सर्वशक्तिमान को बंकर में छुपना पड़ा|

क्या सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने को अब आतंक माना जा चुका है, विरोध दर्ज कराने वालों को आतंकी और देशद्रोही माना जा चूका है क्योंकि ट्रम्प जैसी सोच वाले कई अन्य देशों के शासक भी प्रदर्शनकारियों के साथ ऐसा ही बर्ताव कर रहे हैं| सरकार कहीं की भी हो सोच यही है ताकि आम आदमी इतना डर जाय कि वह विरोध करना बंद कर दे|

ताक़त का नशा बड़ा बुरा होता है मगर जब उतरता हैं तो औक़ात पता चलती है| लोकतंत्र क्या होता है और लोकतान्त्रिक जनता कैसी होती है इसकी मिसाल इन दिनों अमरीका है जहाँ एक पुलिस कमिश्नर अपने देश के राष्ट्रपति को अपना मुंह बंद करने की बात तक कह देता है और जनता के आक्रोश से डरकर सर्वशक्तिमान लीडर को बंकर में पनाह लेनी पड़ती है|

ट्रम्प की बहादुरी की पोल अमरीका की लोकतंत्र और न्यायप्रिय जनता ने खोल दी, वाइट हाउस में ब्लैक आउट कर दिया गया और पूरे एरिया को सील करना पड़ा| इन सारी घटनाओं के बीच ट्रम्प ने एक कीर्तिमान बना डाला, वह अपनी जनता से डरकर बंकर में छुपने वाले अमरीका के पहले राष्ट्रपति बन गए, अब यह बड़बोला बहादुर इस बात से नाराज़ है कि उसके बंकर में छुपने की बात लीक कैसे हो गयी लेकिन उसे शायद यह नहीं मालूम कि सच्चाई कभी नहीं छुपती|

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024