नई दिल्ली: बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कहा है कि कोरोनिल को आयुष मंत्रालय से सर्टिफिकेशन यानी प्रणामन हासिल हो गया है. यह मान्यता विश्व स्वास्थ्य संगठन सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत ​प्राप्त हुई है. कंपनी ने दावा किया है कि कोविड19 के उपचार के लिए यह पहली साक्ष्य आधारित दवा है. कोरोना के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेद ने यह दवा शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में लॉन्च की. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कार्यक्रम की अध्यक्षता की.

158 देशों में होगी निर्यात
पतंजलि ने एक बयान में कहा है, ”कोरोनिल को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन के आयुष विभाग से सर्टिफिकेट आफ फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट हासिल हुआ है. यह WHO सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत मिला है.” इसके तहत कोरोनिल का अब 158 देशों में निर्यात किया जा सकता है. इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित किफायती उपचार करते हुए मानवता की मदद करेगी. रामदेव ने कहा कि कोरोनिल से लाखों लोगों को लाभ पहुंचा है. कोरोनिल को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है.

पतंजलि का दावा, WHO से है सर्टिफाइड
पतंजलि आयुर्वेद ने ट्वीट कर कहा, ”पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट और पुरुषार्थ से विश्व को करोना जैसी महामारी से मुक्ति दिलाने की यह सफल अनुसंधान संभव हो पाया है. पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की यह दवा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड है. WHO ने इसे GMP यानी ‘गुड मैनुफैक्‍चरिंग प्रैक्टिस’ का सर्टिफिके‍ट दिया है. यह दवा ‘एविडेंस बेस्‍ड’ है. पतंजलि की कोरोनिल टैबलेट से अब कोविड का इलाज होगा. आयुष मंत्रालय ने करोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर स्वीकार कर लिया है.”