लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जनपद अयोध्या में महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ एवं महर्षि रामायण सेवा न्यास द्वारा आयोजित श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ के समापन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। राष्ट्र की समृद्धि, शांति एवं विकास हेतु यह यज्ञ विगत नवम्बर माह में शुरू किया गया था।

मुख्यमंत्री \ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ का उद्देश्य आम जनमानस में शांति, समृद्धि एवं विकास लाना है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान विष्णु के नाम पर यज्ञ का आयोजन करना तथा इसको भगवान श्रीराम को समर्पित करना अपने आप में गौरव का विषय है। यह यज्ञ पूर्ण रूप से वेद-विज्ञान पर आधारित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या, भगवान श्रीराम की जन्मभूमि एवं सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रही है। भगवान सूर्य पोषक एवं भरण-पोषण के देवता हैं। भगवान श्रीराम, भगवान विष्णु के ही अवतार थे। अयोध्या धर्म के पथ का अनुगामी है, महर्षि वाल्मीकि जी ने अयोध्या के सम्बन्ध में कहा था कि ‘रामोविग्रह वान धर्मः’ अर्थात श्रीराम धर्म के साक्षात स्वरूप हैं, राम ही धर्म है। धर्म के जो साक्ष्य किसी जगह मिलते हैं, तो वह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम में ही मिलते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का प्रत्येक व्यक्ति अयोध्या से जुड़ने पर गौरव महसूस करता है। आज विश्व मानवता भी अयोध्या के साथ जुड़ने पर गौरव की अनुभूति कर रही है। थाईलैण्ड के राजा स्वयं को भगवान श्रीराम का वंशज मानते हैं। लाओस की परम्परा भी अपने आपको भारत से जोड़ती है। कम्बोडिया की पूरी परम्परा भारतीयता से प्रभावित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या सप्तपुरियों में एक पुरी है, जो विकास की नई ऊचांइयों को छूती हुयी दिखायी दे रही है। उन्होंने कहा कि हमें भारत व भारतीयता से जुड़े तथ्यों को याद रखना चाहिए।