टीम इंस्टेंटखबर
पश्चिमी यूपी में जाट वोट बैंक को साधने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में आज 250 से ज्यादा जाट नेताओं के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने उनसे भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि हमें डांटना हो तो डांट लीजिये लेकिन बाहरी लोगों को घर में घुसने मत दीजिये। अमित शाह का बाहरी से तात्पर्य अखिलेश यादव से और उनकी पार्टी से था. अमित शाह की जाट नेताओं के साथ यह मुलाकात बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह के आवास पर हुई जिसे सामाजिक भाईचारा बैठक नाम दिया गया.

बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने जाट वर्ग को साधते हुए विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश से ही तीनों राष्ट्रीय चुनाव में जाट समाज ने बीजेपी की काफी मदद की और जिताया है. जाट और बीजेपी में काफी समानताए हैं. जाट भी प्रदेश की उन्नति और किसान की सोचता है और बीजेपी भी. जाट भी देश की सुरक्षा की सोचता है और भाजपा भी. सालों से वन रैंक वन रैंक पेंशन देने का काम हमने किया. तीन राज्यपाल बीजेपी ने जाट वर्ग से बनाए और 9 सांसदों को बनाया. सबसे ज्यादा मंत्री चौधरी चरण सिंह के बाद हमने दिया.”

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, “किसानों का 36,000 करोड़ हमने माफ किया. गन्ना का भुगतान पहले से अधिक मजबूती से होता है, जो थोड़ी बहुत कमी है वह दूर हो जाएगी. घोषणा पत्र में सूद को लेकर हम कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जिसे आप देखेंगे.”

अखिलेश यादव पर हमला बोलेते हुए अमित शाह ने कहा, अखिलेश यादव की सरकार में 42 गन्ना मिल थीं, जिनमें से 22 को बंद कर दिया गया.” आगे उन्होंने कहा, “योगीजी के आने के बाद उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नही हुआ है.”

जयंत चौधरी को लेकर अमित शाह ने कहा, “अगर सपा और आरएलडी की सरकार बनी तो अखिलेश की चलेगी आरएलडी की नहीं. जयंत ने गलत घर चुन लिया, अभी कुछ नहीं हो सकता. लेकिन 2024 के लिए उन्हें आप जरूर समझाइए. अगर झगड़ा है तो आपस में बैठकर सुलझा लेंगे, बाहर से किसी को क्यों बुलाना.”