अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उनके देश ने ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम के एक डिजाइन का चुनाव कर लिया है. ये अमेरिका का ‘भविष्य का मिसाइल डिफेंस सिस्टम’ होगा.

ट्रंप ने कहा कि उनके मौजूदा कार्यकाल के आख़िर तक ये सिस्टम काम करना शुरू कर देगा. उनके मुताबिक़ इसका लक्ष्य अमेरिका को ‘अगली पीढ़ी’ के हवाई ख़तरों से लड़ने में सक्षम बनाना है. इनमें बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के ख़तरों से निपटना भी शामिल है

गोल्डन डोम सिस्टम के लिए अमेरिकी बजट में 25 अरब डॉलर की शुरुआती रकम निर्धारित की गई है. हालांकि अमेरिकी सरकार का आकलन है कि आने वाले कुछ दशकों के दौरान इसका ख़र्च इससे कहीं ज़्यादा हो सकता है.

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका के पास जो मौजूदा डिफेंस सिस्टम है वो इसके संंभावित दुश्मनों के तेजी से बढ़ते आधुनिक हथियारों से बचाव के मामले में पिछड़ गया है.

राष्ट्रपति ट्रंप ने एलान किया है कि अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गेटलाइन इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम देखेंगे. जनरल गेटलाइन स्पेस फोर्स में स्पेस ऑपरेशन के उप प्रमुख हैं.

राष्ट्रपति के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल के सातवें ही दिन ट्रंप ने रक्षा मंत्रालय को इस मिसाइल डिफेंस की योजना बना कर पेश करने का आदेश दिया था.

ट्रंप का कहना था कि ये सिस्टम अमेरिका को हवाई हमले रोकने और अपना बचाव करने में मदद करेगा. व्हाइट हाउस का कहना है कि ऐसे हमले आने वाले दिनों में अमेरिका के लिए ‘सबसे भयावह ख़तरे’ बने रहेंगे.

ट्रंप ने मंगलवार को राष्ट्रपति दफ़्तर में बताया कि नया मिसाइल डिफेंस सिस्टम ज़मीन, समुद्र और अंतरिक्ष में नई पीढ़ी की टेक्नोलॉजी से लैस होगा. इस सिस्टम के तहत अंतरिक्ष में ऐसे सेंसर और इंटसेप्टर होंगे जो इन हवाई हमलों के ख़तरों को रोक सकेंगे.

ट्रंप ने बताया कि कनाडा ने भी इस सिस्टम में शामिल होने का अनुरोध किया था. इस साल की शुरुआत में अमेरिका आए कनाडा के तत्कालीन रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने माना था कि उनके देश ने भी गोल्डन डोम प्रोजेक्ट में शामिल होने की दिलचस्पी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था ये समझदारी भरा फैसला है और ये उनके देश के हित में होगा.हैं.