समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को आचार्य धीरेंद्र शास्त्री पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि कई कथावाचक 50 लाख रुपए लेते हैं। उन्होंने इटावा में संवाददाताओं से कहा, “कई कथावाचक एक आयोजन के लिए 50 लाख रुपए लेते हैं। क्या कोई धीरेंद्र शास्त्री को अपने घर पर कथा (धार्मिक समारोह) के लिए बुला सकता है? वह पैसे गुप्त रूप से लेते हैं।” अखिलेश ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार (या बागेश्वर बाबा) के नाम से भी जाना जाता है, कथावाचन के लिए कितनी राशि लेते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि “यह निःशुल्क नहीं है”। अखिलेश की यह टिप्पणी इटावा के एक गांव में दो गैर-ब्राह्मण भागवत कथावाचकों (कथावाचकों) को अपमानित करने और उनका मुंडन करने के विवाद के बीच आई है। घटना 22 जून को हुई थी, जब पता चला कि वे यादव जाति के हैं। इस घटना के बाद गांव में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान शीश तिवारी, उत्तम कुमार अवस्थी, निक्की अवस्थी और मनु दुबे के रूप में हुई। अखिलेश ने कथित हमले का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें आरोपियों को कथित तौर पर यह कहते हुए दिखाया गया कि उन्हें “ब्राह्मणों के गांव” में आने के लिए “दंडित” किया जा रहा है। अखिलेश ने कथित हमले को लेकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह घटना पड़ोसी राज्यों से “लगाए गए तत्वों” को लाकर उत्तर प्रदेश को जाति के आधार पर विभाजित करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।