अडाणी ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ एक करार किया है जिसके तहत दोनों ग्रुप एक-दूसरे से लोगों को नौकरी पर नहीं रख सकेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, यह समझौता इस साल मई से लागू हुआ है और उनके सभी कारोबारों पर लागू होगा. बता दें कि भारत के दो बड़े बिजनेस ग्रुप ने पिछले कुछ समय में नए सेक्टर्स में प्रवेश किया है, जिसमें दूसरा पहले से मौजूद है. पिछले साल, अडाणी ग्रुप ने पेट्रोकैमिकल सेक्टर में अपनी एंट्री का ऐलान किया था. रिलायंस की इस क्षेत्र में बड़ी मौजूदगी है. हाई-स्पीड डेटा सर्विसेज के सेक्टर में भी दोनों की मौजूदगी है. अडाणी ग्रुप ने हाल ही में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है.

इससे पहले भारत में ऐसे एंटी-पोचिंग को लेकर समझौते नहीं देखे गए हैं. और भारत में इनकी मौजूदगी बढ़ रही है. कंपनियों के बीच टैलेंट को नौकरी पर रखने की जंग बढ़ गई है और इसकी लागत में भी इजाफा हुआ है. वेतन को लेकर कंपनियों का बढ़ता खर्च कंपनियों के लिए जोखिम है, खास तौर पर जहां टैलेंट की किल्लत है और आपस में टकराव से जोखिम बढ़ सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कंपनियों के साथ काम करने वाली एक ग्लोबल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये समझौते हमेशा से रहे हैं और यह अनौपचारिक प्रवृत्ति के होते हैं. उन्होंने बताया कि अब से, दोनों समूह एक-दूसरे के कर्मचारियों को नौकरी पर नहीं रख सकेंगे. कोई पोचिंग एग्रीमेंट कानूनी उस समय तक होता है, जब तक वह किसी व्यक्ति के नौकरी पर रखे जाने के अधिकार पर प्रतिबंध नहीं लगाता है.