नई दिल्ली:
सरकार की सेना में नई भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना के विरोध में जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच सेना प्रमुखों ने एक महत्वपूर्ण पत्रकार वार्ता की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने किसी भी सूरत में अग्निपथ योजना के वापस नहीं होने की घोषणा की है इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आगजनी, तोड़फोड़ के लिए सेना में कोई जगह नहीं। भर्ती से पहले हर उम्मीदवार को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि वे इस विरोध का हिस्सा नहीं थे। इसके साथ ही आवेदनकर्ताओं के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता।

जनरल पूरी कहा कि जिनके खिलाफ हिंसा की कोई FIR दर्ज होगी तो वे इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते हैं। जनरल पुरी ने आगे कहा, “हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुरी ने कहा, “यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ युवावस्था और अनुभव लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने आगे कहा कि हमें अगले 4-5 वर्षों में 50,000-60,000 सैनिकों की जरूरत होगी और बाद में यह बढ़कर सवा लाख हो जाएगी। हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 से छोटी शुरुआत की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा पूर्व नियोजित थी, यह अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद हुई आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं लिया गया निर्णय नहीं था। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी स्पष्ट कर दिया कि सेना में पुराणी भर्ती प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है, अब सारी भर्तियां अग्निपथ योजना के माध्यम से ही होंगीं।

लेफ्टिनेंट जनरल सी बंसी पोनप्पा ने कहा कि सेना भर्ती के लिए रैलियां अगस्त की पहली छमाही में शुरू होंगी और ‘अग्निवीर’ की पहली खेप दिसंबर के पहले सप्ताह तक आ जाएगी. उन्होंने कहा कि सेना 83 भर्ती रैलियां करेगी और देश के ‘हर गांव’ को छूएगी. वहीँ नौसेना के लिए ‘अग्निवीर’ का पहला जत्था 21 नवंबर तक प्रशिक्षण के लिए ओडिशा के आईएनएस चिल्का पहुंचेगा. वायु सेना इस साल दिसंबर तक ‘अग्निवीर’ के पहले बैच का नामांकन करेगी और प्रशिक्षण उसी महीने शुरू होगा.