टीम इंस्टेंटखबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे से पहले एक पुरानी मस्जिद को प्रशासन ने रातों रात गेरुए रंग में रंग दिया। यह मस्जिद काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उस रास्ते में पड़ती है जिसका पीएम मोदी उद्घाटन करने आ रहे हैं। प्रशासन की इस मनमानी से स्थानीय मुसलामानों में ज़बरदस्त नाराज़गी है।

मुस्लिम समुदाय ने वाराणसी विकास प्राधिकरण पर तानाशाही करने का आरोप लगाया है. वहीँ प्राधिकरण का कहना है कि एकरूपता लाने के लिए ऐसा किया गया है. इस बुलानाला मस्जिद का रंग पहले सफेद था. लेकिन प्राधिकरण ने सफेद रंग पर गेरुआ रंग रातोंरात पेंट करा दिया.

मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामियां मसाजिद का कहना है कि अगर कुछ करना भी था तो एक बार पहले बात कर लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि ये मनमानी और तानाशाही है. पहले उनकी मस्जिद सफेद हुआ करती थी जो अब केसरिया रंग की तरह हो गई है. उन्होंने बताया कि इस पर आपत्ति भी उन्होंने दर्ज कराई है और डीएम से मिलने की कोशिश भी की है, लेकिन मुलाकात नहीं हुई. इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यालय में भी आपत्ति दर्ज कराई कि ये रंग गलत है.

वही अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी सैयद मोहम्मद यासीन ने भी अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए बताया कि मस्जिद का रंग साजिश के तहत बदला गया है वरना गुरूद्वारे को क्यो छोड़ा गया? उन्होंने बताया कि इस इलाके में उनके और भी धार्मिक स्थल हैं. अगर ऐसी हरकत वहां भी होती तो काफी भयावह स्थिति पैदा हो जाती, क्योंकि मुसलमानों में काफी रोष है. उन्होंने बताया कि उनके मस्जिदों का रंग ज्यादातर सफेद और हरा होता है और बुलानाला मस्जिद भी इसी रंग में थी, लेकिन फिर इसको जोगिया रंग से मिलते-जुलते रंग से रंग दिया गया.