नॉर्वे के सोवरेन वेल्थ फंड ने 9 जनवरी को बताया कि उसने अडानी ग्रुप में अपनी सभी बची हिस्सेदारी को बेच दिया है। नॉर्वे के वेल्थ फंड ने यह हिस्सेदारी ऐसे समय में बेची है, जब अडानी ग्रुप के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से भारी अस्थिरता देखी जा रही है। फंड के ESG रिस्क मॉनिटरिंग के हेड क्रिस्टोफर राइट ने बताया, “हम कई सालों से इन मुद्दों (ESG से मुद्दों) को लेकर अडानी ग्रुप की पर नजर रख हुए थे, खासतौर से पर्यावरणी जोखिमों से निपटने के मुद्दे पर।”

इस विदेशी वेल्थ फंड ने बताया कि उसने साल 2014 के बाद से अडानी ग्रुप की 5 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेची थी और साल 2022 के अंत तक उसके पास अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों में हिस्सेदारी बची थी। इन कंपनियों में अडानी पोर्ट्स भी शामिल है। क्रिस्टोफर ने बताया, “इस साल की शुरुआत से अडानी ग्रुप की कंपनियों में हमने फिर से अपनी हिस्सेदारी घटा ली। अब हमारा इस ग्रुप में कोई निवेश नहीं है।”

बता दें कि 9 फरवरी को भी अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में भारी गिरावट दर्ज की गयी. अडानी के नाम वाली लिस्टेड सात कंपनियों में एक अपर सर्किट लगा वहीँ चार में लोअर सर्किट जबकि अडानी इंटरप्राइजेज में 11 प्रतिशत वहीँ अडानी पोर्ट्स में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी, इसके अलावा अभी जल्द ही में खरीदी गयी मीडिया कंपनी NDTV में भी पांच प्रतिशत का लोअर सर्किट लगा है.