अडानी ग्रुप की कंपनियों पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद अडानी के शेयरों में जबरदस्त उथल-पुथल मचा हुआ है। रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके यह मांग की गई थी कि इस बात की जांच कराई जाए कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के बारे में Hindenburg रिसर्च की रिपोर्ट सही है या नहीं? अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। अदालत 10 फरवरी को यह बताएगा कि Hindenburg रिपोर्ट की जांच होगी या नहीं।

हिंडेनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने गौतम अडानी की कंपनियों पर कई संगीन आरोप लगाए हैं। एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

याचिका दायर करने वाले एडवोकेट तिवारी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि इस मामले में तुरंत सुनवाई होनी चाहिए। इस बेंच में जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं। एडवोकेट ने अपनी याचिका में मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को सर्वोच्च न्यायलय के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमिटी गठन करने का निर्देश दे। और यही कमिटी इस मामले की जांच करे।