उज्जैन:
उज्जैन में रविवार को आंधी-पानी ने जमकर कहर ढाया. तेज रफ्तार से चल रही आंधी से उज्जैन में 2 लोगों की जान चली गई, जबकि आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. साथ ही आंधी-तूफान ने महाकाल लोक को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है. यहां लगी सप्तऋषि की 7 प्रतिमाओं में से लगभग 6 प्रतिमाएं अपने स्थान से नीचे गिर गई हैं.

किसी मूर्ति की गर्दन टूट गई है तो किसी के हाथ. घटना की जानकारी लगते ही तुरंत ही प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने क्रेन की मदद से इन मूर्तियों को तत्काल हटवाया. जानकारी के मुताबिक, मूर्ति की गर्दन अलग हो गई है. वहीं, दो मूर्तियों के हाथ टूटे हैं. बताया जा रहा है कि कुछ मूर्तियों में दरारे आई हैं. वहीं, इस घटना को लेकर कांग्रेस नेत रवि भदौरिया कार्यकर्ताओं के साथ महाकाल लोक पहुंचे.

कांग्रेस नेता के मुताबिक, मूर्तियों के निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया है. मूर्तियों के निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई. इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए. निश्चय ही भ्रष्टाचार के बड़े मामले का खुलासा होगा. वहीं, उज्जैन में तेज आंधी की वजह से कई पेड़ गिर गए हैं. कई मकानों के टीन शेड तेज हवाओं की वजह से उड़ गए हैं. बताया जा रहा है कि 30 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवाएं चल रही थीं.

बताया जाता है कि महाकाल लोक के निर्माण के समय तो ने जानकारी दी गई थी कि महाकाल लोक के प्रथम चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. लेकिन आंधी तूफान के बाद जैसे ही सप्तऋषि की प्रतिमाएं गिरीं. उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक, यह एफआरसी की मूर्तियां सिर्फ अभी दिखाने के लिए लगाई गई हैं. यहां सप्तऋषि की पत्थरों की बड़ी-बड़ी मूर्तियां जल्द लगाई जाएंगी.

कलेक्टर के अनुसार, एफआरसी की यह प्रतिमाएं 10 साल तक खराब नहीं होती है. अभी आंधी के कारण जो प्रतिमाएं खराब हुई हैं, उन्हें मूर्तियां बनाने वाली कंपनी जल्द सुधार कर देंगी. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल यानि 2022 में उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था. तब यह काफी चर्चा में रहा था. महाकाल लोक के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं. पहले चरण में 356 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. वैसे इस पूरे प्रोजेक्ट की बात करें तो 855 करोड़ रुपये के काम किए जाने हैं.