नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 8.8 प्रतिशत की दर से ब्याज दिए जाने को मंजूरी दे दी है। पहले सरकार ने 8.7 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का फैसला किया था, जिसे ट्रेड यूनियनों के विरोध के चलते सरकार को बदलना पड़ा।

इससे पहले वित्त मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.7 प्रतिशत ब्याज दर तय करने के निर्णय का बचाव करते हुए कहा था कि 2015-16 के लिए इतना ब्याज देने में भी इससे पिछले साल के अधिशेष का सहारा लेना होगा।

कुछ समय पहले केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय सीबीटी की फरवरी, 2016 में हुई बैठक में 2015-16 के लिए केंद्रीय भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पांच करोड़ से ज्यादा अंशधारकों के लिए 8.8 प्रतिशत की अंतरिम दर से ब्याज दिए जाने का प्रस्ताव किया था। हालांकि बाद में वित्त मंत्रालय ने 8.7 प्रतिशत की ब्याज दर मंजूर की। संभवत: यह पहला मौका था जबकि वित्त मंत्रालय ने सीबीटी की सिफारिश नहीं मानी थी और अंशधारकों को देय ब्याज में कमी की थी।