मुंबई: मुंबई के कोलाबा में स्थित 31 मंजिला आदर्श इमारत को गिराने का आदेश हुआ है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने लंबी चली सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है।

बता दें कि इस बिल्डिंग के विवाद के चलते ही कांग्रेस पार्टी के राज्य में मुख्यमंत्री रहे अशोक चव्हाण को पद से इस्तीफा देना पड़ा था और जांच में उनका नाम भी घसीटा गया।

2014 में चव्हाण को बॉम्बे हाईकोर्ट से शुक्रवार को राहत मिल गई, लेकिन इस मामले में मौजूदा मंत्री रिटायर्ड जेनरल वीके सिंह पर तमाम सवाल उठे।

सेना के ही अफसरों ने उन पर गंभीर आरोप लगाये थे और पूरे मामले को उनके और पूर्व जनरल दीपक कपूर के झगड़े का नतीजा बताया था। इस मामले में उन्होंने पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण को भी कठघरे में खड़ा किया है।

वहीं, आदर्श सोसायटी के सदस्यों ने दावा किया था कि सोसायटी जिस ज़मीन पर खड़ी है, वह सेना की नहीं है। आरटीआई के जरिये जुटाई जानकारी के आधार पर सोसायटी के चेयरमैन और रिटायर्ड ब्रिगेडियर टीके सिन्हा ने कहा ‘सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी हमें मिली है, वह बताती है कि रक्षा मंत्रालय के पास ज़मीन के मालिकाना हक़ से जुड़ा कोई दस्तावेज़ या जानकारी नहीं है, ये ज़मीन महाराष्ट्र सरकार की है जिसे सोसायटी ने 26 करोड़ रुपये चुकाकर ख़रीदा था।

डिफेंस एस्टेट ऑफिस के पूर्व सचिव आरसी ठाकुर ने इस पूरे विवाद का ठीकरा एके एंटनी और रिटायर्ड जनरल वीके सिंह पर फोड़ते हुए कहा था, एंटनी साहब के राज में, वीके सिंह के राज में हम बहुत रोए हैं, हमारी आंखें अभी तक गीली हैं।

उन्होंने ये भी कहा कि आदर्श विवाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे और पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी के बीच झगड़े का भी नतीजा है। चूंकि ज़मीन शिंदे साहब ने दी थी इसलिए एंटनी ने उसमें अड़ंगा लगाया।