श्री वी श्रीवत्स, ईवीपी एण्ड फण्ड मैनेजर (इक्विटीज) यूटीआई म्युच्युअल फण्ड, वर्तमान बाजार रुझान पर पेश कर रहे हैं अपना नजरिया, उनका सुझाव है कि शीर्ष घरेलू उन्मुख क्षेत्रों की तरफ बढें़।

सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश मिड साइज कैपिटल क्षुधातुर अर्थात जरूरतमंद बैंक जो कि अनार्जक आस्तियों से जूझ रहें है और उन्हें सरकारी प्लान की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत बैंक बन सकें और अनार्जक आस्तियों से हो रहे भारी घाटे से उबर सकें। लेकिन कुल मिला कर, यह स्पष्ट है कि यह परिमार्जन आरबीआई के हित में एक अच्छी पहल है साथ ही सरकार के लिए भी कि वह यह सुनिश्चित कर सके कि बैंकिंग क्षेत्र में किसी प्रकार की अधिक अनार्जक आस्तियां हैं। 

उधर आॅटो क्षेत्र में वर्ष दर वर्ष के आधार पर मांग जोर पकड़ती जा रही है और इसके अच्छे लाभ कमोडिटी मोर्चे के साथ ही नकदी मोर्चे दोनो पर ही लाभ है। इस आय सत्र में आॅटो क्षेत्र स्टार प्रदर्शन देने वालों में से एक हो सकता है और यह आय ग्रोथ में भी अव्वल रह सकता है।

धातु की कीमतें चीन की अर्थ व्यवस्था के अनुसार आम तौर पर सह सम्बन्धी है। गत दो महीनों में धातु जैसे कि एल्यूमीनियम या तांबा में कोई उंचाई देखने को मिली जैसी कि 18 से 24 महीने पूर्व थी। वे कानून के प्रतिक्षेप में हैं लेकिन यहा तक कि वर्तमान स्तर पर अधिकांश भारतीय कम्पनियां सेवा ब्याज से काफी मुनाफा कमा रही हैं।

आॅटोमोबाइल क्षेत्र काफी सकारात्मक नजर आ रहा है। इसके पीछे जो कारण नजर आते हैं उनमें सातवां वेतन आयोग के साथ ही अच्छे मानसून की आशा जिस कारण आॅटोमोबाइल की बिक्री में तेजी का रुख अगले साल तक रह सकता है। इसी प्रकार सीमेन्ट में भी आय में मजबूत तेजी देखी जा सकती है, क्योंकि सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर मोर्चे पर कई पहल शुरू की जा रही हैं जो कि तेजी पकड़ रही हैं। यह दो क्षेत्र ऐसे हैं जिन पर ध्यान केंन्द्रित किया जा सकता है।

इसलिए घरेलू उन्मुख क्षेत्रों की दिशा में कदम बढ़ाने के साथ ही स्टाॅक्स तथा यह तीन शीर्ष क्षेत्र हैं जो कि उचित समझे जा सकते हैं।