देहरादून: बीजापुर आवास पर पत्रकारों से वार्ता में रावत ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट के उसी आदेश के आधार पर कैबिनेट बैठक बुलाई, जिसे आधार बनाकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो हम कैसे गलत हो गए? अक्सर हाईकोर्ट में किसी भी फैसले के ऑपरेटिव पार्ट को जज मौखिक तौर पर सुनाते हैं। इस केस में तो कोर्ट ने पूरे आदेश को ही मौखिक पड़ कर सुनाया है। इस आधार पर हमने कुछ भी गलत नहीं किया।

भाजपा के आरोपों पर उन्होंने कहा कि राज्य में असल माहौल भाजपा की केंद्र सरकार ने खराब कर रखा है। उनके खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़ रखा है। कांग्रेस, पीडीएफ के विधायकों को धमकाया जा रहा है। राज्यपाल से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की जाएगी। ताकि विधायक अपनी राजनीतिक गतिविधियों को चला सकें। भाजपा राज्य में किसी भी हाल में सरकार बनाना चाहती है। उसकी इसी मंशा को भांपते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि राष्ट्रपति शासन नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंेने 25 घंटे में 25 फैसले लिए। अब उन्हें मौका मिलेगा। तो 25 मिनट में 25 फैसले करेंगे।