पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा आयोजित फेविकोल साईंस प्रोजेक्ट चैलेंज का ग्रैंड फिनाले 21 अप्रैल को होने वाला है। इस आयोजन के जरिए बच्चों की रचनाशीलता को निखारने और शिल्प के साथ विज्ञान को जोड़कर पढ़ाई-लिखाई को मजेदार बनाने की कोशिश की जाती है। 

यह कंटेस्ट रोजमर्रा के जीवन से जुड़े उपयोगी विषयों के बारे में छात्रों को रचनात्मक तरीके से सोचने एवं समाधान की अपनी व्याख्या के 3डी माॅडल्स तैयार करने हेतु प्रोत्साहित करता है। इसलिए, यह आयोजन ‘‘लर्निंग बाय क्राफ्टिंग’’ को बढ़ावा देता है, जहां छात्रों द्वारा क्राफ्टिंग का उपयोग अपने विचारों को प्रकट करने के एक माध्यम के रूप में किया जाता है और इसे शैक्षणिक अवधारणाओं के साथ जोड़ा जाता है। इस वर्ष, इस इवेंट का केंद्रीय विषय ‘बेहतर कल का सृजन करते नन्हें-मुन्ने बच्चे’ (यंग माइंड्स क्रियेटिंग बेटर टुमाॅरो) था।

पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रेसिडेंट – कला एवं स्टेशनरी बिजनेस, श्री राहुल सिन्हा ने कहा, ‘‘हमें विचारकों की नई पीढ़ी के विकास के इस सफर का हिस्सा बनने पर गर्व है। पिछले चार सत्रों में इस प्रोपर्टी ने शिल्प के पीछे छिपी व्यावहारिकता को प्रदर्शित करने के लिए एक बहुमूल्य मंच के रूप में शिक्षाविदों और प्रतिभागियों के बीच काफी वाहवाही बटोरी।’’

यह चैलेंज वर्ष 2015 के अगस्त महीने के मध्य में शुरू हुआ और इसमें देश भर के 1200 से अधिक स्कूलों एवं 300,000 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। कनीय (5वीं कक्षा से 7वीं कक्षा) और वरीय (8वीं से 10वीं कक्षा) दोनों में से प्रत्येक श्रेणी में छः-छः टीमों ने ग्रैंड फिनाले के लिए क्वालिफाइ किया है। फाइनल का आयोजन दिल्ली पब्लिक स्कूल, नेरूल में किया जा रहा है, जिसने कनीय एवं वरीय दोनों ही श्रेणियों में फाइनल राउंड के लिए क्वालिफाइ करर लिया है।