चतुर्थ श्रेणी का लक्ष्मणमेला मैदान में प्रदर्शन,रैली निकालकर गांधी प्रतिमा पर दिया धरना

लखनऊ।  प्रदेश का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी 17 सूत्रीय मागों की लगातार हो रही उपेक्षा से नाराज है। आज लक्ष्मण मेला मैदान में उपस्थित भारी संख्या में चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों को सम्बोधन के उपरान्त हजारों की संख्या में चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों ने लक्ष्मण मैदान से गांधी प्रतिमा तक रैली निकाली और प्रधानमंत्री,वित्त मंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया। लक्ष्मण मेला मैदान में सभा को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेशीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में समस्त विभागों में स्वीकृत पदों के सापेक्ष 50-60 प्रतिशत चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त है।  न न्यायालय का आदेश, न केन्द्र सरकार का कोई निर्णय इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में पिछले बीस वर्षों से चतुर्थ श्रेणी की भर्ती पूर्णतः बंद है। इसके परिणाम स्वरूप विभागों में स्वीकृत पदों के सापेक्ष अस्सी फीसदी पद रिक्त हो चुके है। इस वस्तु स्थिति से महासंघ कई बार शासन और सरकार को अवगत करा चुका है। महासंघ एक वर्ष पूव्र चतुर्थ श्रेणी की भर्ती को लेकर देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री से प्रश्न कर चुका है लेकिन इसका अब तक कोई जबाब नही मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार चार वर्ष पूरा कर चुकी है लेकिन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति उसकी उपेक्षा अब बर्दाश्त से बाहर है प्रदेश का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस उपेक्षा का बदला लेने के लिए तैयार है। प्रदेश के 9 लाख चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों को मिलाकर इनकी संख्या 25 लाख से अधिक होती है ऐसे में आने वाले चुनाव में सत्तारूढ़ दल के खिलाफ अगर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने मन बना लिया तो सपा को दुबारा सत्ता में आना एक स्वप्न बन जाएगा। श्री दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार निचले तबके को प्राथमिकता देने का दिखावटी दावा और घोषणाएं करती है जबकि वास्तविकता यह है कि प्रदेश सरकार अपने अधिनस्थ सबसे निचले तबके के कर्मचारियों के प्रति पूरी तरह से गैर जिम्मेदार है। प्रदेश सरकार के अधिनस्थ लगभग हर विभाग में आउट सोर्सिग से चतुर्थ श्रेणी की भर्ती कर विभागीय गोपनीयता, विभागीय चतुर्थ श्रेणी संवर्ग एवं बेरोजगारों के साथ छल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आउट सोर्सिग का सीधा लाभ निजी एजेन्सियों एवं विभागीय अधिकारियों को मिल रहा है। आउट सोर्सिग स्टाफ की नियमावली न होने तथा उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित न होने के कारण विभागों की गोपनीयता भंग हो रही है। यही नही आउट सोर्सिग के माध्यम से बेरोजगार युवकों का के साथ छल किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि एजेन्सियों को सरकार द्वारा हो रहे निर्धारित भुगतान के विपरीत एजेन्सियॉ आउट सोसिंग में कार्य कर रहे लोगों को औने पौने मानदेय का भुगतान कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस धोखा धड़ी में सम्बंधित अधिकारियों की सहभागिता हैं परिणाम स्वरूप आउट सोर्सिग के माध्यम से काम कर रहे लोग गैर जिम्मेदार एवं अपने हितों को साधने के लिए नियम के प्रतिकुल तक काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा सहयोग चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों ने किया था लेकिन यह सरकार बनते ही सबसे ज्यादा शोषण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का किया गया। श्री दुबे ने आरोप लगाया कि सरकार एवं अधिकारियों की मिली भगत से आउट सोर्सिग को बढ़ावा देकर निजी स्वार्थो के चलते चतुर्थ श्रेणी संवर्ग को समाप्त करने का कुचक्र रचा जा रहा है। उनहोंन कहा कि जब तृतीय श्रेणी से लेकर शिक्षक और उच्च पदों पर निरन्तर भर्ती की जा रही है तो चतुर्थ श्रेणी की भर्ती क्यो रोकी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत पदों के सापेक्ष वर्तमान में ढाई से तीन लाख पद रिक्त हो चुके है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी विभागों में स्वीकृत पदों के सापेक्ष रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू कराई जाए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए महामंत्री ए.पी. यादव ने कहा कि उन्होंने बताया कि चतुर्थ श्रेणी महासंघ की 17 सूत्रीय मुख्य मांगों के निस्तारण के लिए  8 फरवरी 2016 से 2 मार्च तक प्रत्येक जनपद में सभी विभागों पर गेट मीटिं और19 फरवरी 2016 को प्रदेश के समस्त जनपदों में 15 सूत्रीय मांगांे के निस्तारण के लिए सत्याग्रह और डीएम का ज्ञापन सौप चुका है। 11 मार्च 2016 को एक दिवसीय धरना एवं जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को सात सूत्रीय मांग दिया जा चुका है। उन्होंने मांग पत्र के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि मुख्य मांगों में  चतुर्थ श्रेणी की सीधी भती शुरू कराने के साथ आ़ऊट सोर्सिंग को त्तकाल समाप्त किये जाने, पुरानी पेंशन की बहाली, विनियमित किए गए कर्मचारियों को पुरानी सेवाओं को जोड़कर पेंशन का लाभ दिये जाने की मांग के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों को मौलिक पद पर ग्रेड वेतन 1800 के स्थान पर 1900 रुपये का वेतनमान दिया जाए। एसीपी में प्रथम ग्रेड वेतन 2000, दूसरा 2800 और तीसरा ग्रेड वेतन 4200 दिया जाए। समस्त विभागों में दैनिक वेतन/ वर्कचार्ज से नियमित किये कगए कर्मचारियों को पूर्व में की गई सेवाओं को जोड़कर पेंशन एवं ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए। पंचायती राज विभाग के अधीन कार्यरत सफाई कर्मचारियों को ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी जाए तथा इनकी सेवानियमावली बनाई जाए जिसमें पदोन्नति का प्राविधान हो। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों पर हाल ही में वेतन न मिलने पर किए गए आन्दोलन के उपरान्त उनके खिलाफ दर्ज कराये गए झूठे मुकदमें एवं सात कर्मिकों के स्थानारण में क्रमशः मुकदमें के वापसी और तबादलों को निरस्त किए जाए तथा रायबरेली के भदोखर थानें दर्ज महामंत्री के परिजनों के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमें वापस लिये जाए। रैली को कर्मचारी शिक्षक मोर्चा के अध्यक्ष वी.पी. मिश्रा, निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्या शशि कुमार मिश्रा, जवाहर इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुशील कुमार बच्चा,संरक्षक मुन्नु लाल रावत,कार्यवाहक अध्यक्ष महेन्द्र पाण्डेय, भारत सिंह यादव, यदुवीर सिंह, दूधनाथ, रामयश, मान सिंह, रामफेर पाण्डेय, सीताराम यादव, राजू, अंजनी शुक्ला, के.बी.जोशी,भोपाल सिंह, एस.पी. मौर्य, कृष्ण बहादूर सिंह, अरूण कुमार वाजपेई, क्रांति सिंह, रमबदल दुबे, मायादेवी, नान्हू प्रसाद, कलावती तिवारी, जगदीश, राणा प्रताप, रामेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, परशुराम कश्यप, विनोद कुमार, सनत कुमार मिश्रा, रामजी तिवारी, उदल यादव, भाई लाल, इन्द्रबहादूर सिंह, सुनील कुमार दास, रवि, सुनील कुमार वर्मा, कृष्ण चन्द्र वर्मा, रामकिशुन,शकील अहमद, रमाशंकर, शिवकुमार, जगन्नाथ सिंह, संजय श्रीवास्तव, दया शंकर दीक्षित, मितुल सोनकर, द्वारिका प्रसाद पाण्डेय, अनिल कुमार लोधी, चक्रधर द्विवेदी, राममोहन चौहान, सत्यदेव वर्मा, अवनीश कुमार, इच्छाशंकर, वशिष्ठ नारायण तिवारी, राजमणि पाण्डेय, प्रमोद कुमार भारती, लालजी प्रसाद, जितेन्द्र नाथ, मल्हू प्रसाद, शत्रुहन लाल बाल्मीकी, जयप्रकाश तिवारी, सुनील कुमार यादव शेखर शरण श्रीवास्तव, रामसूरत यादव, नाायण सिंह, प्रेमप्रकाश कुशवाहा, विनोद कुमार शुक्ला, उमाशंकर दीक्षित, पारसनाथ , चन्द्रशेखर शर्मा, हाकिम सिंह, ओमप्रकाश शर्मा बड़ेकर, सलीमुद्दीन, हैदर हसन, ओमप्रकाश गौड, ठाकुर शंकर सिंह, रामेश्वर दयालय कुशवाहा, नौशाद अली, गोविन्द राम सैनी, वीर सिंह तोमर, सुरेन्द्र सिंह यादव, भक्तदास, बाबूराम कश्यप, राणप्रताप सिंह, पी.एन. पाण्डेय, शिवनाराण साहू,आदि ने सम्बोधित किया और सरकार की उपेक्षा के खिलाफ वृहद आन्दोलन तथा चुनाव में मतदान कर सरकार को सबका सिखाने का इरादा जताया।