लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के बेहद चर्चित आशियाना गैंग रेप केस में सोमवार को मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला को 10 साल की सजा सुनाई गई। फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष जज अनिल कुमार शुक्ल ने सजा सुनाने के साथ मुख्य आरोपी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। सजा सुनाये जाने के समय गौरव शुक्ला अदालत में मौजूद था। इससे पहले अभियोजन पक्ष ने मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला को इस मामले में अधिकतम सजा सुनाये जाने की अपील की। जबकि बचाव पक्ष ने मुख्य आरोपी के परिवार का हवाला देते हुए उसे कम से कम सजा देने की गुजारिश की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष जज ने उसको 10 साल की सजा सुनाई। 

फास्ट ट्रैक कोर्ट में बीते बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला ने 11 वर्ष पहले के इस कांड के लिए गौरव को दोषी करार दिया था। इस मामले में 16 अप्रैल को सजा सुनाई जानी थी, लेकिन वकीलों के हड़ताल की वजह से फैसला आज सुनाया गया। समाजवादी पार्टी के विधायक रहे अरुण शंकर शुक्ल ‘अन्ना’ के भतीजे गौरव शुक्ला को इस केस से बचाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाये गए, लेकिन कोर्ट ने उसको दोषी माना।

गौरतलब है कि 2 मई 2005 को गौरव और उसके पांच साथियों ने आशियाना इलाके में एक नाबालिग लड़की को सड़क से कार में खींच लिया और चलती कार में करीब पांच घंटे तक आरोपियों ने उसके साथ चलती गाड़ी में गैंगरेप किया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने उसे एक सुनसान जगह पर ले गए और फिर वहां भी बारी-बारी से उसके साथ रेप किया। इतना ही नहीं आरोपियों ने दरिंदगी की सभी हदें पार करते हुए पीडि़ता के प्राइवेट पार्ट को सिगरेट से भी दागा था। इसके बाद सभी आरोपी उसे डालीगंज पुल के पास फेंककर फरार हो गए थे।जिसके बाद पीडि़ता की तहरीर पर आशियाना पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था। सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला के नाबालिग होने को लेकर भी काफी बहस हुई। करीब 11 वर्ष तक चली इस बहस के बाद आखिरकार कोर्ट ने गौरव को बालिग और दोषी माना। गौरतलब है कि माफिया अरुण शंकर शुक्ला के भतीजे गौरव शुक्ला और उसके दोस्त भारतेंदु शुक्ला, सौरभ जैन, अमन बक्शी, आसिफ सिद्दकी व फैजान के खिलाफ केस दर्ज कर उन सभी को गिरफ्तार किया गया था।

2007 को भारतेंदु और अमन को दोषी मानते हुए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई जबकि ट्रायल के दौरान ही सौरभ और आसिफ की सड़क हादसे में मौत हो गई। फैजान को कोर्ट ने गैंगरेप नहीं बल्कि किडनैपिंग के आरोप में दोषी पाया।

इस मामले में मुख्य आरोपी गौरव शुक्ल और उसके पिता पर आशियाना थाने में धोखाधड़ी का भी केस दर्ज हुआ है। पीडि़ता के पिता ने आरोप लगाया है कि आरोपी के परिवार ने बार-बार कोर्ट को गुमराह करने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गौरव शुक्ला को नाबालिग साबित करने की कोशिश की है।

धोखाधड़ी मामले के केस में एक तरफ जहां गौरव शुक्ला पर शिकंजा कसेगा, वहीं उसके पिता कैलाश शंकर शुक्ला भी कानूनी कार्यवाही के दायरे में आ गए हैं। फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के मामले की शिकायत विक्टिम के पिता ने आईजी लोक शिकायत से की थी। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद आईजी लोक शिकायत के आदेश पर यह केस दर्ज किया गया है।