लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र को भी आगे आना होगा। अच्छी एवं आधुनिक शिक्षा कुछ बड़े शहरों तक ही सीमित रहने के बजाय इसका प्रसार अन्य छोटे नगरों एवं गांवों तक होना चाहिए, जिससे यहां रहने वाले छात्र-छात्राओं को भी अच्छी शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए जहां शिक्षकों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जा रही है, वहीं शिक्षा के लिए विद्यालय भवन आदि बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री आज यहां अंसल सुशान्त गोल्फ सिटी, लखनऊ में सेठ आनन्दराम जयपुरिया स्कूल के उद्घाटन के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने लखनऊ के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा लखनऊ में बुनियादी सुविधाओं के विकास के फलस्वरूप लगातार निवेश बढ़ रहा है। विशेष रूप से सुशान्त गोल्फ सिटी, चक गंजरिया एवं अवध विहार क्षेत्र निवेशकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बन रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह क्षेत्र आने वाले समय में हजारों करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने जा रहा है। चक गंजरिया में एचसीएल कैम्पस की स्थापना हो रही है, वहीं अमूल डेयरी सहित अन्य प्रतिष्ठान इस क्षेत्र में अपनी इकाइयां स्थापित कर रहे हैं। चक गंजरिया में स्थापित हो रहे विश्वस्तरीय कैंसर संस्थान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सुशान्त गोल्फ सिटी में मेदांता अस्पताल पर भी तेजी से काम चल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम एवं अवध विहार परियोजना से इस क्षेत्र के विकास में और अधिक गति मिलेगी। 

श्री यादव ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार लगातार अच्छी एवं जरूरी संस्थाओं की स्थापना पर काम कर रही है, लेकिन निजी क्षेत्र भी इस मामले में बहुत पीछे नहीं है। देश एवं दुनिया में अपनी गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए जानी एवं पहचानी जाने वाली कई निजी संस्थाएं प्रदेश में काम कर रही हैं। इससे समाज में एक विशेष प्रकार की चेतना जाग्रत हो रही है। उन्होंने कहा कि जयपुरिया परिवार द्वारा भी शिक्षा के क्षेत्र में इसी प्रकार का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के इस दौर में हमें अपने छात्र-छात्राओं के लिए अगर अच्छे संस्थानों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी है तो निजी क्षेत्र को भी बढ़ावा देना होगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक, माध्यमिक सहित शिक्षा के सभी क्षेत्रों मंें भारी मात्रा में धनराशि व्यय करने के बावजूद शिक्षा की गुणवत्ता संतोषप्रद नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास करना होगा। उन्होंने इस प्रकार के स्कूलों की स्थापना पर बल देते हुए निजी निवेशकों का आहवान किया कि वे लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य नगरों में ऐसे विद्यालयों की स्थापना के लिए आगे आएं।