लखनऊ: बसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि मायावती को बाबा साहब के विचारों के प्रचार-प्रसार व मिशन से ज्यादा चिंता वोटों की है। उन्हें विकास और सामाजिक सद्भाव से कोई लेना-देना नही है। उन्होंने बाबा साहब के मिशन और दलित आन्दोलन को ध्वस्त कर दिया है। यदि उन्हें बाबा साहब की विचारधारा से कोई सरोकार होता तो विचार धारा को बढ़ाने के लिए साहित्य का प्रकाशन व वितरण करातीं। यह काम सिर्फ समाजवादियों ने ही किया है। वे उत्तर प्रदेश एक पर्यटक की भाँति आती हैं और लौट जाती हैं। वे यह भी बतायें कि प्रदेश की जनता द्वारा सत्ता से पदच्युत होने के बाद किस गरीब व दलित के दुःख-दर्द में मायावती शामिल हुई हैं या उनके अथवा बसपा द्वारा किस गरीब दलित की मदद की गई है। जब वे उत्तर प्रदेश में रहती ही नहीं तो उन्हें क्या पता कि यहां कितना विकास हुआ है और कानून व्यवस्था पहले से कई गुना बेहतर हुई है। अच्छे कानून व्यवस्था और विकास की ही देन है कि उत्तर प्रदेश आज पर्यटन के मामले में राजधानी दिल्ली तक को पीछे छोड़ चुका है। यूपी की प्रति व्यक्ति आय चार सालों में दोगुनी बढ़ चुकी है। बतौर सिंचाई मंत्री सिंचाई का पानी निःशुल्क कर मैंने बाबा साहब की सोच को मूर्त रूप दिया है। चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रहने के बावजूद भी वे चार ऐसे काम नहीं गिना सकतीं जो बाबा साहब की वैचारिकी कसौटी पर खरी उतरती हों। उत्तर प्रदेश की जनता और दलित उनके हकीकत से वाकिफ हो चुके हैं। अब मायावती का झूठ जगजाहिर हो चुका है। उत्तर प्रदेश के दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों का हित सिर्फ समाजवादी व्यवस्था में ही सम्भव है। बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर इसीलिए स्टेट सोशलिज्म की खुली वकालत करते थे।