लखनऊ। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अतिपिछड़ों को पाले में करने के प्रयास के चौथे दिन दलितों को सपा से जोडऩे का दांव चला। कहा डॉ.भीमराव अंबेडकर  को समाजवादियों ने सबसे पहले और सबसे ज्यादा सम्मान दिया। उनको एक जाति का नेता बताया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

सोमवार को सपा कार्यालय में जैन समाज के सम्मान समारोह में मुलायम ने कहा कि डॉ.अंबेडकर को एक जाति तक सीमित करने वाले लोगों को उनका बचपन, जीवन संघर्ष और दर्शन पढऩे की जरूरत है। जब स्कूलों में दाखिला मुश्किल था। छुआछूत चरम पर थी, तब डॉ.अंबेडकर ने उच्च शिक्षा हासिल की, उनकी काबिलियत का हर वर्ग ने सम्मान किया, इसमें समाजवादी सबसे आगे थे। समाजवादी पहले दिन से ही डा.अंबेडकर को आदर देते आ रहे हैं। एक सम्मेलन का हवाला देते हुए मुलायम ने कहा कि अंबेडकर को सम्मान देने वालों में पंडित नेहरू (जवाहर लाल नेहरू) भी थे। यह पूछे जाने पर कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने जद (यू) की कमान संभालने के बादउत्तर प्रदेश की राजनीति में फोकस की बात कही है, आपकी प्रतिक्रिया? जवाब में मुलायम ने कहा कि यह बेमौसम बरसात जैसा सवाल है, अभी सिर्फ जैन धर्म पर बात। इसका बाद में जवाब देंगे। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पर आपराधिक मुकदमों को लेकर पूछे गए सवाल को टालते हुए मुलायम ने कहा कि यह सवाल भाजपा से करिये। उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है। चाहे जिसे अध्यक्ष बनायें, सपा को इससे कोई मतलब नहीं।