विश्व बैंक समूह के एक सदस्य आईएफसी ने आज भारत में निजी क्षेत्र में पांचवे सबसे बड़े बैंक यस बैंक को 50 मिलियन डाॅलर ऋण देने की घोषणा की। इस राशि का विशुद्ध रूप से महिला स्वामित्व वाले व्यापार को ऋण देने के लिए किया जाएगा। यह परियोजना महिला उद्यमी अवसर सुविधा (डब्ल्यूईओएफ) का एक हिस्सा है, जो कि अपनी तरह का पहली वैश्विक सुविधा है जो करीब 100,000 महिला उद्यमियों को पूंजी उपलब्ध करवाने के लिए समर्पित है। इसे आईएफसी ने अपने बैंकिंग आॅन वूमन प्रोग्राम और गोल्डमैन साॅक्श 10,000 वुमन वर्ष 2014 के तहत जारी किया है। इस एमओयू पर इंस्टीट्यूट आॅफ इंटरनेशनल फायनेंस (आईआईएफ) में भारत की संतोषप्रद सामथ्र्य पर आयोजित सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए। आईएफसी इस आयोजन का सह आयोजक था, और इसमें भारत के वित्तमंत्री माननीय श्री अरुण जेटली मुख्य वक्ता थे।

एक अनुमान के मुताबिक भारत में तीन मिलियन महिला उद्यमी हैं जिन्होंने आठ मिलियन से भी अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया है। यद्यपि इनमें से चैथाई ही फायनेंस लेने में सक्षम हैं जिन्हें विकास और रोजगार बढ़ाने की आवश्यकता है। यस बैंक को मिले 50 मिलियन डाॅलर के कर्ज का लक्ष्य भारत के 29 राज्यों तथा 7 केन्द्र शासित प्रदेशों की महिलाओं को समर्थन देना है।

इस लेनदेन के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने पर यस बैंक के प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राना कपूर ने कहा ‘‘ यह महिला उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो उनकी आजीविका पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालेगा। उन्होंने कहा कि यह सुविधा यस बैंक की आईएफसी और गोल्डमैन शेशे 10,000 वुमैन जैसे वैश्विक संस्थानों से भागीदारी की योग्यता दर्शाती है ताकि हम गैर बैंकीय क्षेत्रों मऔर असेवित आबादी को विस्तृत वित्तपोषण प्रदान 

कर सकें और एक जिम्मेदार बैंकिंग के हमारे दृष्टिकोण को प्राप्त कर सकें। यह सुविधा भारत सरकार की महिला उद्यमियों के लिए संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं को भी दी जा सकेगी।‘‘