लखनऊ: रिहाई मंच ने भाजपा के प्रदेश महिला मोर्चा के अध्यक्ष मधु मिश्रा के दलित विरोधी टिप्पणी की निंदा की है . मंच में कहा की यह किसी मधु मिश्रा का व्यक्तिगत बयान नही है बल्कि भाजपा के मनुवादी सोच की अभिव्यक्ति है जो सिर्फ न केवल संविधान विरोधी है बल्कि बुनियादी मानवीय सिध्दांतों के खिलाफ है.मंच ने राष्ट्रीय अनसुचित जाति –जनजाति आयोग से मांग की है कि ऐसे धिनौने दलित विरोधी बयानदेने वाली भाजपा नेता मधु मिश्रा के खिलाफ एस सी/एस टी एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज किया जाये.

रिहाई मंच नेता लक्ष्मण प्रसाद और प्रदेश कार्यकारणी सदस्य अनिल यादव ने कहा की भाजपा के प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष मधु मिश्रा का यह बयान की “संविधान के सहारे वे तुम पर राज कर रहे हैं जो कभी तुम्हारे जूते साफ करते थे.” न सिर्फ संविधान का अपमान है बल्कि उस संघी मानसिकता का परिचायक है जो इस देश को मनुस्मृति से चलाना चाहती है.उन्होंने कहा की इसी सामन्ती –सांप्रदायिक जेहनियत से  गुजरात जनसंहार में मारे गए मुसलमानों को नरेन्द्र मोदी ने “पिल्ला” बोलकर मुसलमानों को अपमानित किया था तो उनके मंत्री वी.के सिंह ने दलित समाज को कुत्ता बोला था.उन्होंने आरोप लगाया की अखिलेश सरकार भी इसी सांप्रदायिक –सामन्ती विचारधारा की समर्थक है क्योंकि पिछले दिनों आगरा में मुसलमानों को घर में घुसकर मारने की धमकी देने वाले भाजपा सांसद के खिलाफ कोई कार्यवाई नही होती है,न ही न ही जे एन यू के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जान से मारने की धमकी देने वाले अमित जानी पर कोई कार्यवाई होती है .इस गठजोड़ के चलते भाजपा के नेता दलित –मुसलमान विरोधी बयानबाजी करते रहते हैं।