लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि जब बुन्देलखण्ड के निवासी सूखे की मार से त्रस्त होकर त्राहि त्राहि कर रहे थे और पलायन कर रहे थे उस समय मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड से मुंह फेर लिया और अब 2017 का चुनाव नजदीक आते देख बुन्देलखण्ड में सूखा पीडि़तों की मदद करने का झूठा राग अलाप कर किसानों की हमदर्दी लेना चाहते हैं। बुन्देलखण्ड में पानी की कमी है तो पूर्वांचल बाढ़ से प्रभावित है, बुन्देलखण्ड में अकूत खनिज सम्पदा होने के बावजूद वहां के निवासी भुखमरी के कगार पर है और पलायन करने के लिए बाध्य हैं क्योंकि प्रदेष सरकार के साथ साथ केन्द्र सरकार ने भी सिर्फ बुन्देलखण्डवासियों का वोट तो ले लिया लेकिन विकास के नाम पर बुन्देलखण्ड में झांककर नहीं देखा। किसान वर्ष में किसानों की उपेक्षा कर रही प्रदेष सरकार किसानों की सुविधाओं और समस्याओं के प्रति उदासीन रवैया शुरू से ही अपनाये हैं।  

श्री चौहान ने कहा कि बुन्देलखण्ड के विकास हेतु जो भी सरकार ने वादा किया था उसको अमल नहीं किया गया फलस्वरूप बुन्देंलखण्ड के निवासियों का ेऐसी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। पानी, बिजली, स्वास्थ सेवाओं की कमी होने के कारण वहां की स्थिति बद से बदतर हो गयी है, वहां के किसानों को खाद, पानी, बिजली तो बहुत दूर की बात हो गयी खाने के लिए भोजन भी नहीं मिल पा रहा है। भूखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी। न तो केन्द्र सरकार ने बुन्देलखण्ड में भयंकर त्रासदी से निपटने के लिए कोई उपाय किये और न ही प्रदेष सरकार उन्हें कोई राहत पहुंचा पायी अब पुनः राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री को बुन्देलखण्डवासी नजर आ रहे हैं। उन्होंने बुन्देलखण्ड के लिए जारी किये गये पैकेज की सी0बी0आई0 जांच की मांग भी की है।