लखनऊ: यूपी सरकार के जेल मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने अपनी ही सरकार पर हमला बोल दिया है। मंत्री ने कहा कि उनके विभाग में परोल देने के लिए हर कैदी से 50-50 हज़ार रुपये घूस ली जाती है। यहां ज़बरदस्त भ्रष्टाचार और कामचोरी है। उनके अफसर और कर्मचारी उनका ही कहना नहीं सुनते। बलवंत सिंह रामूवालिया केंद्र में भी मंत्री रह चुके हैं, लेकिन यूपी में मंत्री बन के सिस्टम से हार मान रहे हैं।

बलवंत सिंह रामूवालिया पंजाब में बड़े अकाली नेता रहे हैं। मुलायम सिंह यादव से उनके अच्छे सम्बन्ध हैं जो उन्हें यूपी लाए और कैबिनेट मिनिस्टर बनवा दिया। लेकिन सिर्फ साढ़े तीन-चार महीने के अंदर ही वह अपने विभाग से परेशान हो गए। रामूवालिया  ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने एक ग़रीब आदमी को पेश किया और बताया कि उनके बाबू ने उससे उसके बेटे को परोल दिलाने के नाम पर 5000 रुपये ठग लिए हैं।

रामूवालिया ने कहा कि यूपी के गावों में परोल देने के काग़ज़ लेकर सिपाही जाता है। वह कैदी के घर वालों से कहता है कि 50 हज़ार रुपये घूस दो तो मैं लिख दूंगा कि इनको परोल देने से महात्मा गांधी जी की तरह शांत माहौल रहेगा और अगर पैसा नहीं दिया तो मैं लिख दूंगा कि इसके परोल पर आने से गांव में महाभारत हो जाएगी।”

रामूवालिया ने कहा कि सबसे ज़्यादा कैदी गंदा पानी पीने से पेट की बीमारी का शिकार होते हैं। इसलिए वह जेलों में आरओ प्लांट लगवाना चाहते थे। उन्होंने ऑर्डर किया, लेकिन फाइल आगे खिसकी ही नहीं और आरओ का पूरा बजट ही लैप्स हो गया। इसी तरह जेलों में सीसीटीवी लगवाना चाहते थे, लेकिन उनके स्टाफ ने फाइल नहीं बढ़ने दी। उन्होंने 235 कैदियों को परोल का आदेश किया लेकिन उनमें से सिर्फ 23 की फाइल आगे बढ़ सकी। ऐसा काम इसके पहले कभी नहीं देखा। अब देखना है कि सरकार उनके इस हमले के बाद क्या करती है? क्या वाकई सिस्टम में कुछ सुधार होता है?