लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य मामलों की पैरवी के लिये नियुक्त अपर महाधिवक्ता गौरव भाटिया व रीना सिंह को पद से बर्खास्त कर दिया है। चर्चा है कि सुप्रीम कोर्ट में बार-बार किरकिरी व कुछ अन्य राजनीतिक कारणों से सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि भाटिया समाजवादी पार्टी की अधिवक्ता सभा के अध्यक्ष बने रहेंगे।

न्याय विभाग के विशेष सचिव अमर जीत त्रिपाठी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अपर महाधिवक्ता पद पर आबद्ध (पैनल्ड) रीना सिंह व गौरव भाटिया को पैनल से हटा दिया गया है। समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने युवा अधिवक्ता गौरव भाटिया व रीना सिंह को अपर महाधिवक्ता नियुक्त किया था। वे राज्य सरकार की ओर से बतौर अधिवक्ता पेश होते रहे हैं, इनमें से कई मामलों में मजबूती से सरकार का पक्ष रखा गया तो लोकायुक्त, शिक्षा मित्र समेत कई मसलों में किरकिरी भी हुई। सूत्रों का कहना है कि कुछ अरसे से मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात एक अधिकारी से भी अपर महाधिवक्ता से खटपट चल रही थी। यह भी उनकी बर्खास्तगी का कारण बन गया। मगर रीना सिंह को पार्टी का वरिष्ठ नेताओं का वरदहस्त था, ऐसे में उनको हटाया जाना आश्चर्यजनक माना जा रहा है।  इससे इतर कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दुबे का अध्यक्ष पद से इस्तीफा और फिर उसे वापस लेने के दौरान गौरव भाटिया की भूमिका को लेकर कुछ न्यायिक अधिकारी भी नाराज हो गये थे, जिसके चलते सरकार ने यह कार्रवाई की है।