नई दिल्ली। उत्तराखंड में जारी सियासी संकट फिलहाल और गहराता जा रहा है। आज राष्ट्रपति के सामने होने होने वाली परेड यानि शक्ति प्रदर्शन में कांग्रेस के बागी 9 विधायक पहुंचे ही नहीं। बागी विधायकों के अचानक इस फैसले से कयासबाजी का भी दौर शुरू हो गया है। भाजपा और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में शामिल मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, एके एंटनी और अम्बिका सोनी ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि उत्तराखंड के राज्यपाल ने बहुमत साबित करने का जो दिन 28 मार्च तय किया है, उसमें बदलाव न करें। अरुणाचल प्रदेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे वहां बहुमत साबित करने का मौका नहीं दिया गया, वैसा उत्तराखंड में न करें।
वहीं भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर बताया कि हमने राष्ट्रपति महोदय से निवेदन किया है कि वे उत्तराखंड के राज्यपाल से भाजपा को विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका देने को कहें। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वे राज्यपाल से उत्तराखंड सरकार को भंग करने को कहें। विजयवर्गीय ने दावा किया कि राज्य के 70 में से 36 विधायक सरकार के खिलाफ हैं।
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