विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका में विश्वास की भावना का होना जरूरी: मुख्यमंत्री 

गोमतीनगर में हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ के नए भव्य का उद्घाटन

इंस्टेंटखबर ब्यूरो 

लखनऊ: देश भर के विभिन्न हाईकोर्ट में मुकदमों का बोझ कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने गर्मियों की छुट्टियों में भी कोर्ट में सुनवाई का सुझाव दिया है। वह राजधानी में हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ के नवीन भवन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। गोमतीनगर में बने हाईकोर्ट लखनऊ पीठ का शनिवार को एक भव्य समारोह में उद्घाटन हुआ। 

उन्होंने कहा लखनऊ बहुत ही भाग्यशाली है कि इस शहर को विश्व का सबसे शानदार तथा भव्यतम हाईकोर्ट का नया प्रांगण मिला है। उन्होंने कहा 1300 करोड़ की राशि से बने इस भवन का लाभ उठाने का मौका न्यायिक सेवा से जुड़े लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य जनता को त्वरित न्याय देने की ओर रहना चाहिए। जस्टिस ठाकुर ने कहा कि लाखों मुकदमे लंबित हैं। इसके लिए हम सब भी जिम्मेदार है। वकील साहबान को शिकायत रहती है कि जज साहब समय से नहीं आते हैं। अक्सर वकील केस की तारीख लेकर चले जाते हैं। मामला लंबा खिंचता जाता है।

जस्टिस ठाकुर ने कहा कि मेरी राय है कि अब छुट्टियों में भी अहम केस की सुनवाई हो। मेरी इच्छा है कि दोनो पक्ष के वकील इसके लिए प्रयास करें। इस भवन में अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में देने वाली जनता का लगा है। उन्होंने कहा कि मेरा तो यह मामला है कि दोनों पक्ष के वकील किसी भी केस को लेकर गंभीर हों, तभी केस जल्दी निपटेंगे। किसी भी मामले में बहानेबाजी के कारण ही मामले लटक रहे हैं। इस इमारत मे वकीलों के लिए काफी सुविधाएं हैं। ईमानदारी के साथ जज व वकील  लोगों को न्याय दिलाएं। यहां पर अब सुविधाओं को लेकर कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।

अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हरगोविंद परिहार ने बार और बेंच के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए बातचीत को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि अवमानना की छड़ी से इसे नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने वकीलों के चैम्बर और अन्य समस्याओं को रखा।  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि भवन की भव्यता प्रभावित करती है। साथ ही उम्मीद भी करा रही है कि यहां न्याय की पुरातन परम्परा यथावत रहेगी। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका में विश्वास की भावना का होना जरूरी है। इन तीनों अंगों के बीच एक-दूसरे का सम्मान करने के साथ-साथ तालमेल कायम रहना भी जरूरी है, ताकि जनकल्याण का कार्य प्रभावित न होने पाए। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और लोगों को त्वरित इंसाफ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा न्यायपालिका की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी का काम लगातार किया गया है। न्याय विभाग का बजट बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न पदों का सृजन किया गया है। न्यायपालिका सुचारु रूप से अपना कार्य तभी सम्पादित कर सकती है, जब उसे सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों। इस नवीन भवन का निर्माण कार्य पूरा कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। सभी आधुनिक सुविधाओं वाला यह भव्य और आकर्षक भवन बनकर तैयार हो गया है। अपनी भव्यता के लिए यह भवन प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी गौरव का विषय होगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ता हमारे देश की न्याय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। आम जनता को सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने में इनकी बेहद खास और अहम भूमिका होती है। राज्य सरकार अधिवक्ताओं की सुविधाओं में भी लगातार इजाफा कर रही है। सभी जनपदों और तहसीलों में अधिवक्ताओं के लिए अधिवक्ता चैम्बर्स बनाने की दिशा में कार्य किया गया है। अधिवक्ताओं के निधन होने पर उनके परिजनों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 05 लाख रुपए कर दिया गया है। नौजवान अधिवक्ताओं को वित्तीय मदद देने के लिए काॅर्पस फण्ड का गठन किया गया है। जनता को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय मिले, इसके लिए समाजवादी सरकार हर सम्भव कार्य करती रहेगी। साथ ही, न्याय व्यवस्था को मजबूत करने और संसाधनों में बढ़ोत्तरी के लिए भविष्य में भी प्रदेश सरकार का पूरा सहयोग मिलता रहेगा।

यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने बिल्डिंग की तारीफ के साथ संकेतों में अधिक काम कर मुकदमों का जल्द निस्तारण करने की सलाह दी। उन्होंने फिल्म के डायलॉग तारीख पर तारीख को लेकर कटाक्ष भी किया। त्वरित न्याय दिलाने को उन्होंने न्यायिक प्रणाली की चुनौती करार दिया। कहा, जैसे टाइम बढ़ने पर इस बिल्डिंग का बजट बढ़ गया उसी प्रकार मुकदमा खिंचने पर आम आदमी का बजट बढ़ जाता है।

कार्यक्रम के अंत में सीनियर जज एपी शाही ने धन्यवाद दिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश टीएस ठाकुर सहित अन्य अतिथियों ने भव्य भवन को देखा। सभी ने इसकी भव्यता की प्रशंसा की। इसे विश्व की न्यायिक इमारतों में सबसे सुंदर बताया।

 

मुख्य अतिथि चीफ जस्टिस आफ इंडिया जस्टिस टीएस ठाकुर के साथ राज्यपाल राम नाईक, राज्यपाल पश्चिम बंगाल केशरीनाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूण ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।