कांग्रेस के बाग़ी विजय बहुगुणा का मिला साथ 

देहरादून: भाजपा ने उत्तराखंड में बागी कांग्रेसी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सहित कांग्रेस के नौ विधायकों ने हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर दी। इससे उत्तराखंड में बड़ा सियासी संकट पैदा हो गया है। 
शुक्रवार शाम विधानसभा में बजट पर चर्चा के बाद सत्तारुढ़ कांग्रेस के नौ विधायकों ने भाजपा के पाले में बैठ गए। इससे सरकार अल्पमत में आ गई।
राज्य में 14 मार्च की भाजपा की रैली के बाद से ही सियासी घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस से सत्ता छीनने के ऐलान करते हुए निकाली गई रैली के दौरान विधायक गणेश जोशी और कई भाजपाइयोें पर पुलिस के घोड़े की टांग तोड़ने के आरोप ने सियासत और गर्म कर दिया। इसके बाद से शुरू हुआ घमासान शुक्रवार शाम को राज्य सरकार के बजट पर वोटिंग के दौरान सरकार पर बड़े संकट के रूप में सामने आया।
शुक्रवार सुबह से ही राजनीतिक हलकों में कांग्रेस के कई विधायकों के भाजपा नेताओं के संपर्क में होने की चर्चा हावी थी। बताया जा रहा था कि राजधानी के एक होटल में भाजपा नेताओं के साथ इन विधायकों की बैठक हो रही है। इनके फोन भी स्विच ऑफ मिले।  
दोपहर तक पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को राज्यसभा का टिकट देने और मंत्री हरक सिंह रावत को विधानसभा चुनाव में सुरक्षित सीट देने के वादे के साथ सरकार पर से संकट टलने की बात की जा रही थी। इससे हरीश रावत सरकार के लिए राहत माना जा रहा था।
शाम को विधानसभा में बजट पर चर्चा के बाद वोटिंग से पहले कांग्रेस के नौ विधायक भाजपा के खेमे में जाकर बैठ गए। इस घटनाक्रम के दौरान विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और कांग्रेस के अन्य सदस्य सदन से बाहर चले गए।