लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा आईएएस वीक के दौरान यह कहना कि अफसरों पर कार्यवाही होती है तो जनता खुश होती है यह बात मुख्यमंत्री की कानून व्यवस्था के मसले पर खुद की स्वीकारोक्ति है। प्रदेश के मुख्यमंत्री एक ओर खुद बड़े-बड़े आधारहीन दावे कर रहे है और वह घोषणा भी करते है कि कानून व्यवस्था कि समीक्षा खुद करेंगे लेकिन प्रदेश की जनता को प्रदेश के मुख्यमंत्री पर विश्वास करने का कोई कारण समझ नहीं आ रहा है।

प्रदेश पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश पार्टी प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री जब तिलक हाल में अपनी सरकार की विफलतायें छिपाने के लिये आई.ए.एस. अधिकारियों से कुतर्क कर रहे थे उसी समय कुछ ही दूर पर हजरतगंज स्थिति विधायक निवास के समीप सड़क गोलियों से गूंज रही थी और प्रदेश की राजधानी में नागरिक दहशत के साये में थे।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ के महानगर स्थित छन्नीलाल चैराहे के पास मासूम से हैवानियत की घटना फेल कानून व्यवस्था का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। प्रदेश भर में बरेली, मुजफ्फरनगर सहित अनेक स्थानों पर महिला अस्मत पर हमले लगातार जारी है प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा को 1090 के हवाले कर के अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली है। प्रदेश के मुख्यमंत्री केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहे है, मुख्यमंत्री का यह कथन कि हमकों तकलीफ हुई तो फिर आप लोगों को भी दिक्कत होगी, उनकी हताशा को दिखा रहा है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि कानून व्यवस्था इकबाल से कायम होती है कुतर्को से नहीं। मुख्यमंत्री को सत्ता संरक्षित अराजक गुण्डातत्वों पर कठोर कार्यवाही कर प्रशासनिक मशीनरी में विश्वास का वातावरण पैदा करना होगा।