कोलकाता: न्यूजीलैंड के हाथों पहले मैच में हार से सकते में पड़ी भारतीय टीम शनिवार को जब विश्व टी20 चैंपियनशिप के सर्वाधिक चर्चित और बहुप्रतीक्षित मुकाबले में पाकिस्तान से भिड़ेगी तो उसका लक्ष्य आईसीसी टूर्नामेंटों में अपने इस चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अजेय रहने के रिकॉर्ड के साथ टूर्नामेंट में अपनी उम्मीदें भी बरकरार रखना होगा।

भारत को शुरू में खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन नागपुर की टर्न लेती पिच पर पहले मैच में ही न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने उसे छठी का दूध याद दिला दिया। इस परिणाम से विश्व की नंबर एक टीम पर पहले दौर में बाहर होने का खतरा मंडराने लगा है और उसके लिए अब ईडन गार्डन्स में पाकिस्तान से होने वाला मुकाबला करो या मरो जैसा बन गया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले अधिकतर मुकाबलों की तरह यह मैच भी शुरू होने से पहले ही चर्चा में आ गया था। पहले यह मैच धर्मशाला में होना था, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के विरोध के कारण पाकिस्तानी टीम को सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जताई जिसके कारण कोलकाता को इसकी मेजबानी सौंपी गई। इसके बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण पाकिस्तानी टीम के आगमन में देरी हुई, लेकिन बीसीसीआई से आश्वासन मिलने के बाद आखिर में वह मान गई।

राजनीति से जुड़ी उठापटक को एकतरफ रख दें तो यह मैच महेंद्र सिंह धोनी की टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण बन गया है। दूसरी तरफ पाकिस्तान की निगाह आईसीसी प्रतियोगिताओं में भारत को कभी नहीं हरा पाने के मिथक को तोड़ने पर लगी हैं। टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में बांग्लादेश पर जीत से उसकी टीम उत्साह से ओतप्रोत है।