मुंबई। पुणे जर्मन बेकरी बम धमाके में दोषी हिमायत बेग को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। कोर्ट ने साजिश और बम प्लांट करने के आरोपों से भी उसे बरी कर दिया गया है।

बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद एक बार फिर से एटीएस को एक बड़ा झटका लगा है। UAPA की सभी धाराओं में हिमायत बेग को बरी कर दिया गया है। उच्च न्यायालय ने  2010 के पुणे जर्मन बेकरी विस्फोट मामले के एकमात्र दोषी हिमायत बेग की फांसी की सजा को खारिज करते हुए विस्फोटक रखने के लिए उसके खिलाफ आजीवन कारावास की सजा की पुष्टि की।

बेकरी ब्लास्ट मामले में आरोपी मिर्जा हिमायत बेग को निचली अदालत ने दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ ही मिर्जा बेग ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। करीब चार महीने से इस मामले के सभी पहलुओं पर सुनवाई करने के बाद जस्टिस एनएच पाटिल और जस्टिस एसबी शूकरे की खंडपीठ ने दिसंबर 2015 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि पुणे के जर्मन बेकरी में 13 फरवरी 2010 को हुए ब्लास्ट में 17 लोगों की मौत हुई थी। इस ब्लास्ट में 58 लोग घायल भी हुए थे। हिमायत बेग को सितंबर 2010 में गिरफ्तार किया गया था। मामले में सिर्फ एक आरोपी हिमायत बेग ही गिरफ्तार हुआ था। बेग को इंडियन मुजाहिद्दीन का सदस्य बताया गया था।