चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर की करेगी सुरक्षा 

इस्लामाबाद। सिक्युरिटी एजेंसियों द्वारा सरकार को दी गई जानकारी के मुताबिक चीन की आर्मी जल्द ही पाकिस्तान में तैनात होगी। चीन की ये ट्रूप्स 3 हजार किमी लंबे चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की सिक्युरिटी करेगी। ये कॉरिडोर पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट को चीन के शिनजियांग इलाके से जोड़ता है। उधर, पाकिस्तान ने 3 इंडिपेंडेंट इन्फैन्ट्री ब्रिगेड और 2 रेजिमेंट्स को हाईवे की सिक्युरिटी के लिए तैनात किया है। एक ब्रिगेड में कम से कम 3 रेजिमेंट होती हैं। हर रेजिमेंट में एक हजार जवान होते हैं।
इस कॉरिडोर का पहला फेज इस साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। 3 साल में यह पूरा बनकर तैयार हो जाएगा। इसके चलते चीन को इंडियन ओशन और उसके आगे तक सीधा एक्सेस मिल जाएगा। कॉरिडोर के छोटे रास्ते (12 हजार किमी) से चीन को गल्फ कंट्रीज से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और फ्यूल मिल सकेंगे। बता दें कि प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने पिछले साल अप्रैल में पाक दौरे में हाईवे बनाने की बात पर सहमति जताई थी।
भारतीय सेना के एक अफसर कहा कि हम सारे डेवलपमेंट्स पर नजर रख रहे हैं। हमें पता है कि कितनी तादाद में चीनी ट्रूप्स पाकिस्तान में तैनात होने वाली है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी काराकोरम हाईवे की सिक्युरिटी के लिए तैनात होगी। जाहिर है कि पाक में चीनी ट्रूप्स की मौजूदगी चिंता की बात है। इससे पहले भारत ने गिलगिट-बाल्टिस्तान इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान रीजन में अपनी पैठ बनाना चाहता है। अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान को वहां खासा विरोध झेलना पड़ेगा।
चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट से शुरू होगा। मकरान कोस्ट से होते हुए ये कॉरिडोर लाहौर, इस्लामाबाद को जोड़ता है। – गिलगिट-बाल्टिस्तान (पीओके) होते हुए काराकोरम हाईवे को भी जोड़ेगा। चीन के काशगर में शिनजियांग पर ये खत्म होगा।