राज्य कर्मचारी संस्थान ने साहित्यिक विभूतियों का किया सम्मान 

इंस्टेंटखबर ब्यूरो 

लखनऊ: आज के दौडभाग भरे जीवन और काम के बोझ तले सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारी जब साहित्य सृजन के लिए पुरस्कृत किया जाता है तो यह वाक़ई सम्मान और गर्व का विषय होता है। हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश के यशपाल सभागार में आज कुछ ऐसी ही विभूतियों को सम्मानित और पुरुस्कृत किया गया जिन्होंने सरकारी सेवा में रहते हुए भी साहित्य सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इन विभूतियों का सम्मान राज्य कर्मचारी संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया । इन सम्मानीय हस्तियों में अधिकारियों से लेकर चपरासी तक सभी शामिल थे। इस बार 24 लोगों को पुरूस्कार से सम्मानित किया गया जिसमें 6 सेवानिवृत्त राज्यकर्मी थे। इसके अतिरिक्त उर्दू भाषा के 6 साहित्यकारों का सम्मान विशेष रूप से उल्लेखनीय है । उर्दू के इन साहित्यकारों में मासिक पत्रिका “नया दौर” के संपादक और उपनिदेशक , सूचना विभाग डा0 वज़ाहत रिज़वी जिन्हें उर्दू भाषा (गद्य) की मौलिक प्रकाशित कृति ‘अली जव्वाद ज़ैदी’ के लिए फ़िराक़ गोरखपुरी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया विशेष हैं।  
इनके अतिरिक्त प्रवक्ता उर्दू, राजकीय इंटर कालेज मुरादाबाद के डा0 मेराजुल हसन को दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा-उर्दू गद्य के लिए अमीर खुसरो पुरूस्कार, पुलिस महानिरीक्षक, वीमेन पावर लाइन मोहम्मद अली साहिल को उर्दू भाषा (पद्य) की  मौलिक कृति ‘किरदार’ के लिए अकबर इलाहाबादी पुरूस्कार , लोक निर्माण विभाग में चौकीदार के पद पर कार्यरत हमीद खां  ‘ख़िज़्र’ को उर्दू पद्य में दीर्घकालीन सेवा के लिए मिर्ज़ा असद उल्लाह खां ‘ग़ालिब’ पुरुस्कार  से सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्ति वर्ग में श्री मंज़ूर अहमद सिद्दीक़ी को मीर तक़ी मीर पुरूस्कार और बशीरुद्दीन अहमद ‘बशीर फ़ारूक़ी, को जोश मलीहाबादी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता रिटायर्ड IAS और राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष हर शरण दास ने की, मुख्य अतिथि के रूप में सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवं चकबंदी आयुक्त डा0 हरिओम ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। 
जिन दूसरी साहित्यिक विभूतियों को इस अवसर पर पुरुस्कृत किया गया उनमें सेवानिवृत्ति केटेगरी में श्री गदाधर नारायण सिन्हा को प्रताप नारायण मिस्र पुरूस्कार, श्री ब्रजभूषण सिंह गौतम ‘अनुराग’ को शिव सिंह ‘सरोज’ पुरूस्कार,  डा0 किशोरी शरण शर्मा को बालकृष्ण भट्ट पुरूस्कार, श्री गिरिजाशंकर दुबे ‘गिरिजेश’ को कवियित्री महादेवी वर्मा पुरूस्कार से सम्मानित किया गया ।  
राज्यकर्मी साहित्यकारों में श्री तरसेम लाल को शरतचंद चटोपाध्याय पुरूस्कार, उमेश कुमार सिंह चौहान को सुब्रह्मण्यम भारती पुरूस्कार, प्रियदर्शन मालवीय को पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरूस्कार, मनोज कुमार सिंह को सुमित्रा नंदन पंत पुरूस्कार , राजेंद्र यादव को भगवती चरण वर्मा पुरूस्कार, डा0 आनंद ओझा को भारतेंदु हरिश्चंद पुरूस्कार, सर्वेन्द्र विक्रम को जयशंकर प्रसाद पुरूस्कार, संतोष तिवारी ‘कौशिल’ को अमृतलाल नगर पुरूस्कार, कमलेश भट्ट ‘कमल’ को डा0शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ पुरूस्कार, मनु स्वामी को डा0विद्यानिवास मिश्र पुरूस्कार, डा0 रविशंकर पाण्डेय को गया प्रसाद शुक्ल ‘सनेही’ पुरूस्कार, डा0 अनिल कुमार मिश्र को श्याम सुन्दर दास पुरूस्कार, डा0 रंजन वर्मा ‘विषाद’ को डा0 हरिवंशराय बच्चन पुरूस्कार, प्रदीप कुमार त्यागी को रामधारी सिंह ‘दिनकर’ पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। इन सभी पुरुस्कृत हस्ताक्षरों को 51,000 रूपये नगद, प्रशस्ति पत्र , स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। 
इस अवसर पर संस्थान की पत्रिका ‘अपरिहार्य’ का ‘पुरूस्कार एवं सम्मान विशेषांक, श्रीमती शोभा दीक्षित ‘भावना’ की पुस्तक ‘नियति” कृष्ण कुमार वर्मा ‘कृष्ण लखनवी’ की पुस्तक ‘कृष्ण काव्य कुञ्ज” बलदेव त्रिपाठी के उपन्यास ‘अर्थगमन’ और रामलखन यादव ‘पवन कौशाम्बी’ ढ काव्य कृति ‘गुलदस्ता’ का लोकार्पण किया गया।