जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय एकता सम्मलेन में साम्प्रदायिक ताकतों पर हमला 

नई दिल्ली : जेएनयू विवाद मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार और फिर जमानत पर रिहा हुए छात्र नेता कन्हैया कुमार का समर्थन करते हुए देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि वह अभियक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई में कन्हैया के साथ है तथा देश के हर संस्थान में असहमति का अधिकार कायम रहना चाहिए। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, ‘जब जेएनयू मामला शुरू हुआ तो हमने जानबूझकर अपनी राय नहीं रखी। अपने संगठन में लोगों से कहा कि अगर हम इस मामले में उतरते हैं तो फिर कुछ ताकतें इस पूरे मसले को हिंदू बनाम मुसलमान कर देंगी।’ उन्होंने कहा, ‘हम जेएनयू और दूसरे सभी संस्थानों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं। हम कन्हैया कुमार का भी समर्थन करते हैं। उसने जो जंग लड़ी है उसमें हम उसके साथ हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को हर हाल में कायम रखा जाना चाहिए।’ 

नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय एकता सम्मलेन में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का लिखित संदेश भी पढ़ा गया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने उनका संदेश पढ़ते हुए कहा कि फिरकापरस्ती ताकतें मुल्क को तोड़ने में लगी है। इसके खिलाफ सब लोगों को एक साथ आना होगा। आजाद ने बताया कि सम्मेलन के लिए भेजे गए संदेश में सोनिया गांधी ने उर्दू में दस्तखत किए हैं। संदेश में कहा गया है कि जैसे आप सब बाहर धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ रहे हैं, वैसे ही सोनिया गांधी संसद के अंदर यह लड़ाई लड़ रही हैं।

सम्मलेन में माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने जेएनयू मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जो लोग पठानकोट में आतंकी हमले को नहीं रोक पाए, वो जेएनयू में छात्रों ने क्या कहा, इसको लेकर बहस करने लगे। यह सब बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हुआ है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘आरएसएस को आजादी शब्द से दिक्कत है। उसे देश के आजाद होने से पहले भी इस शब्द से दिक्कत थी और आज भी यही हो रहा है। भुखमरी और बेरोजगारी से आजादी की बात करने वालों को पकड़ा जा रहा है।’

इस मौके पर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि देश की अखंडता धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख अरशद मदनी ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में खुदकुशी करने वाले छात्र रोहित वेमुला को याद करते हुए कहा कि उस बच्चे को उसका हक नहीं मिला। पीएम मोदी ने उसके नाम पर मगरमच्छी आंसू बहाए। उन्होंने कहा कि फिरकापरस्ती को फिरकापरस्ती से नहीं मिटाया जा सकता है।

सम्मलेन में जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, महमूद मदनी, मोहम्मद सलीम, मीम अफजल, आचार्य प्रमोद कृष्णन, शाहिद मंजूर जैसे कई नेता सम्मेलन में शामिल हुए।