नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत ने कभी अपने पड़ोसी को भिखारी बनाकर आगे बढऩे की आर्थिक नीति नहीं अपनाई और इसलिए हमारा आर्थिक विकास एशिया में अनोखा है। मोदी ने यहां अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित विकासशील एशिया : भविष्योन्मुखी निवेश सम्मेलन में कहा कि हमने जिसके साथ व्यापार किया है, उसे नुकसान पहुंचाकर कभी मुनाफा कमाने की कोशिश नहीं की है।

पीएम ने कहा कि हम वृहद आर्थिक नीति में अपने पड़ोसी को भिखारी बनाओ का अनुपालन नहीं करते। हमने कभी अपनी मुद्रा का विनिमय दर कम नहीं किया है। हम चालू खाते का घाटा उठाकर भी वैश्विक और एशियाई मांग बढ़ाते रहे हैं। इसलिए हम अच्छी एशियाई तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था हैं।

इस तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएमएफ द्वारा 2010 के पहले चरण के कोटा सुधार को इस साल जनवरी में लागू करने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकासशील देशों की भागीदारी बेहतर प्रतिबिंबित होगी। इससे आईएमएफ के फैसलों में उनकी बात ज्यादा सुनी जायेगी। उन्होंने इस बात खुशी जाहिर की कि आईएमएफ ने दूसरे चरण के कोटा सुधार अक्टूबर 2017 तक लागू करने का निर्णय लिया है।

सरकार ने छह दक्षिण एशियाई देशों में आर्थिक गतिविधियों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ मिलकर साउथ एशिया रीजनल ट्रेनिंग एंड टेक्निकल असिस्टेंस सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लगार्ड और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में विकासशील एशिया: भविष्योन्मुखी निवेश पर आयोजित सम्मेलन में इसकी स्थापना के समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं बंगलादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका और आईएमएफ के बीच नए करार की घोषणा कर उत्साहित हूं। हम साउथ एशिया रीजनल ट्रेनिंग एंड टेक्निकल असिस्टेंस सेंटर स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। यह केन्द्र सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगा। यह उनके कौशल को बढ़ाएगा तथा उनकी गुणवत्ता भी बेहतर करेगा। यह सरकारों एवं अन्य सार्वजनिक संस्थानों को तकनीकी मदद भी मुहैया कराएगा।

वहीं लगार्ड ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी, वित्त मंत्री जेटली एवं भारत सरकार को इस केन्द्र की स्थापना के लिए पहल करने और वित्तीय प्रतिबद्धता जताने के लिए धन्यवाद कहती हूं। यह पहला केन्द्र होगा जो एकीकृत तौर पर प्रशिक्षण एवं तकनीकी मदद मुहैया करायेगा और भविष्य के क्षमता विकास कार्यों के लिए हमारा मॉडल भी होगा। यह केन्द्र दक्षिण एशिया में वृहद आर्थिक एवं वित्तीय प्रबंधन, मौद्रिक परिचालन, वित्तीय क्षेत्र नियमन एवं निरीक्षण और वृहद आर्थिक आंकड़े समेत कई अन्य क्षेत्रों में आईएमएफ की क्षमता विकास गतिविधियों को लागू करने तथा योजना बनाने के केन्द्र के तौर पर कार्य करेगा। यह केन्द्र भारत, बंगलादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल एवं श्रीलंका में प्रशिक्षण की जरूरतों को पूरा करेगा तथा दक्षिण एशियाई क्षेत्र में प्रशिक्षण का स्तर अन्य क्षेत्रों के समतुल्य बनाने में मदद करेगा।