नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देते हुए लगातार जनवरी में लगातार तीसरे महीने औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से माह के दौरान औद्योगिक उत्पादन 1.5 फीसदी घटा है। इसके साथ ही उद्योग जगत द्वारा रिजर्व बैंक से ब्याज दरों में कटौती की मांग तेज हो गई है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार नवंबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 3.4 फीसदी और दिसंबर में 1.2 फीसदी गिरा था। पिछले साल जनवरी में औद्योगिक वृद्धि 2.8 फीसदी थी। औद्योगिक उत्पादन में गिरावट से चिंतित उद्योग जगत ने रिजर्व बैंक से ब्याज दरों में कटौती की मांग तेज कर दी है रिजर्व बैंक अगली 

उद्योग मंडल फिक्की के महासचिव ए दीदार सिंह ने कहा, ‘हम आगामी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। इससे मांग को प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ेगा।’ अप्रैल-जनवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर पिछले साल इसी दौर के 2.7 फीसदी के स्तर पर स्थिर रही। जनवरी में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की वजह मुख्य रूप से पूंजीगत सामान के उत्पादन में 20.4 फीसदी की भारी गिरावट है। जनवरी, 2015 में पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन 12.4 फीसदी बढ़ा था। औद्योगिक उत्पादन में 75 फीसदी का भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन समीक्षाधीन महीने में 2.8 फीसदी घटा, जबकि जनवरी, 2015 में यह 3.4 फीसदी चढ़ा था।