NGT ने कहा रद्द की जा सकती है अनुमति 

नई दिल्ली। यमुना किनारे आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के कार्यक्रम पर छिड़े विवाद के बीच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने साफ कर दिया है कि यदि गुरुवार शाम 4 बजे तक 5 करोड़ का जुर्माना नहीं भरा गया तो कार्यक्रम की अनुमति रद्द की जा सकती है। एनजीटी ने साफ कर दिया है अगर शाम तक पैसा जमा नहीं कराया गया तो डीडीए कार्यक्रम के लिए दी गई इजाजत वापस ले सकता है। तय समय बाद एक बार फिर डीडीए के वकील एनजीटी को बताएंगे कि 5 करोड़ का फाइन आर्ट ऑफ लिविंग ने जमा कराया या नहीं।

उधर, आर्ट ऑफ लिविंग के प्रवक्ता ने कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा लगाए गए जुर्माने को न भरने की बात हमने नहीं कही। हम कोर्ट का आदेश मानेंगे और पैसों के भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे पहले खबरे आई थीं कि आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि वह जेल चले जाएंगे, लेकिन पांच करोड़ रुपए का जुर्माना नहीं भरेंगे।

टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के लिए सभी जरूरी अनुमति ले ली गई थी, इसके बावजूद जुर्माना लगाया गया है। यह विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के खिलाफ राजनीति है। उन्होंने कहा कि यमुना के किनारे होने वाले कार्यक्रम की तैयारी के हर चरण की तस्वीर है, इस कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। हम इस कार्यक्रम के जरिए यमुना के बारे में जागरुकता फैलाना चाहते हैं। वहीं श्री श्री रविशंकर ने कार्यक्रम में राष्ट्रपति के नहीं आने पर भी निराशा जताई है। बता दें कि यह कार्यक्रम 11 मार्च से 13 मार्च तक यमुना किनारे होना है।

गौरतलब है कि कार्यक्रम के आयोजन के खिलाफ राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एनजीटी) में याचिका दाखिल की गई थी। बुधवार को याचिका कि सुनवाई करते हुए एनजीटी ने कार्यक्रम को मंजूरी देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई थी। शर्तों में एनजीटी ने ऑर्ट ऑफ लिविंग फॉउंडेशन पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना पर्यावरण क्षति पूर्ति के तौर पर लगाया था। एनजीटी ने कहा था कि यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में इस तरह के आयोजन से नदी की पारिस्थितिकी को बहुत नुकसान पहुंचेगा ऐसे में इसकी जिम्मेदारी फाउंडेशन को ही वहन करनी होगी। इसके साथ ही उसने इस मामले में गैर जिम्मेदार रवैया अपनाने के लिए डीडीए पर पांच लाख रुपए और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर एक लाख का जुर्माना लगाने का आदेश भी सुनाया।