श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पीएसएलवी-सी32 के जरिए अपने छठे दिशासूचक उपग्रह आईआरएनएसएस 1 एफ का गुरुवार को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। उपग्रह प्रक्षेपण की साढ़े 54 घंटे की उल्टी गिनती गत आठ मार्च की सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुई थी। इसरो के सूत्रों ने बताया कि 44.4 मीटर लंबे प्रक्षेपण यान पीसएसएवी सी 32 के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से शाम चार बजे उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया गया। इस वर्ष इसरो का यह दूसरा प्रक्षेपण है।

पीएसएलवी ने अपनी उड़ान के 20 मिनट बाद 1425 किलोग्राम वजन के आईआरएनएसएस-1एफ को धरती की कक्षा में स्थापित कर दिया। यह उपग्रह भारतीय क्षेत्रीय दिशासूचक उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) का छठा उपग्रह है। प्रक्षेपण के सफल होते ही श्रीहरिकोटा के अभियान नियंत्रण केंद्र पर उत्सव जैसा माहौल बन गया। सभी वैज्ञानिक गले लगकर एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे।

इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने प्रक्षेपण के सफल होने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने एक बार फिर अपनी क्षमता साबित कर दी है। अभियान के निदेशक बी जयकुमार ने कहा कि उपग्रह अच्छी तरह कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। उन्होंने इसरो टीम को अभियान की सफलता की बधाई दी और कहा वैज्ञानिकों की लगन के कारण ही ऐसा संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इसरो ने बीते साल पांच प्रक्षेपण किये थे , जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा, हम इस साल छह मिशन पूरा करने की योजना बना रहे हैं।