प्राकृतिक आपदा अक्सर लाखों लोगों को बेघर कर देती है. कईयोँ को मार देती है, घायल या बीमार करती है. ज्यादातर मामलों में नुकसान की भारपाई नही की जा सकती है यदि किसी ने आवश्यक बीमा कवर का लाभ नही उठाया हुआ है तो. हाउस इंश्योरेंस भारत में सबसे कम प्रचलित उत्पादों में से एक है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कम से कम एक प्रतिशत लोग ही घर बीमा कवर के मालिक हैं. घर बीमा पॉलिसी संभवतः एक व्यक्ति की बेशकीमती संपत्ति के लिए कवर प्रदान करते हैं. हालांकि, बहुत कम लोग इसके बारे में जानते है और इसका इस्तेमाल करते है. इस तरह की आपदाएँ न सिर्फ भावनात्मक रूप से हानिकारक है बल्कि यह एक व्यक्ति के जीवन पर दूरगामी वित्तीय प्रभाव डालता है.  

हाल ही में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड द्वारा किया गया सर्वेक्षण कुछ दिलचस्प प्रवृत्तियों को दर्शाता है. केवल 7 फीसदी ने बीमा पॉलिसी खरीदा था, 62 फीसदी घर बीमा पॉलिसी के लाभों के बारे में जानते थे , बाढ़ (81फीसदी) चोरी (77फीसदी) और भूकंप (58 फीसदी) मुख्य कारण है जिसकी वजह से घर मालिकों ने एक घर बीमा पॉलिसी खरीदा, 68 फीसदी वित्तीय बैकअप चाहते हैं और 31 फीसदी चाहते है कि बीमा कंपनियों का दावा प्रक्रिया सरल बने, 59 फीसदी ने कहा कि वे पालिसी खरीदेंगे यदि प्रीमियम कम हो.

सर्वेक्षण में उत्तरदाताओं का 93 फीसदी ऐसा था जिनके पास घर बीमा पॉलिसी ही नही है. इस तथ्य के बावजूद 62 प्रतिशत घर बीमा पॉलिसी के लाभों के बारे में जानते थे.

घर मालिकों द्वारा घर बीमा पॉलिसी खरीदने के पीछे मुख्य चिंता बाढ़ और चोरी का डर था. सर्वेक्षण से पता चला है कि ज्यादातर घर मालिकों को अपने घरों को कवर प्राप्त करने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई. उत्तरदाताओं में से 59 प्रतिशत ने कहा कि वे एक घर बीमा पॉलिसी खरीदना चाहेंगे यदि प्रीमियम कम हो और दावा प्रक्रिया को आसान बनाया जाए. संजय दत्ता, चीफ-अन्दर राइटिंग एन्द क्लेम्स, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जीआईसी लिमिटेड, ने कहा कि घर बीमा अभी तक एक कम इस्तेमाल किया गया क्षेत्र है. हालांकि एक घर बीमा पॉलिसी बाढ़, तूफान, भूकंप और दंगों जैसे आपदाओं से होने वाली वित्तीय बोझ को कम करने में मदद कर सकते हैं. इस सर्वेक्षण से दिलचस्प निष्कर्ष निकले है जिससे उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. विभिन्न हितधारकों को आपसी सहयोग से काम कर के इसका समाधान तलाशना चाहिए.