पटना। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने फिर विवादित बयान दिया है। पप्पू यादव ने कहा कि भ्रष्ट नेताओं और अफसरों को सरे राह पीट-पीटकर मारने वालों को 10 लाख रुपए देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्ट नेताओं और पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में अपना काम ढंग से नहीं करती है। अगर कोई भ्रष्टाचारियों के खिलाफ स्टिंग का टेप देगा तो उसे 25 हजार रुपए देंगे। यही नहीं उन्होंने दलितों और कमजोरों के हाथ में राइफल देने की भी जरूरत बताई।

पप्पू यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू सिर्फ वोट की राजनीति करते हैं। उन्हें विकास और जनहित से कोई मतलब नहीं है। लालू थर्मामीटर लगाकर राजनीति करते हैं। नीतीश कुमार भी लालू यादव के दबाव में हैं,इसलिए विकास कार्य बाधित हो रहे हैं।

बिहार को लूटने वाले नेताओं को जहर दे देना चाहिए या फिर फांसी पर लटका देना चाहिए। लालू को किसी आंदोलन से मतलब नहीं है इसलिए उन्होंने जेएनयू जाने से मना कर दिया। लालू तब कहां थे जब कन्हैया जेल में बंद था और उसका परिवार बिलख रहा था। कन्हैया से एक बार मिल लेने के लिए उनसे छात्र संगठनों ने गुहार लगाई थी। तब लालू ने कहा था कि समय नहीं है। लालू यादव सिर्फ वोट के सौदागर हैं। जहां फायदा होता है वहीं जाते हैं। अब सिर्फ दिखावे के लिए कन्हैया से सहानुभूति दिखा रहे हैं।

पप्पू यादव ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार और लालू यादव ने कन्हैया के घर जाकर उसके माता-पिता का हाल जानने की कोशिश की? उन्हें कभी ये चिन्ता हुई कि वे सिर्फ 3 हजार में कैसे जिंदगी गुजर बसर करते हैं? इन लोगों को कन्हैया के घर की सुरक्षा, उसके घर की फटेहाल स्थिति की कोई चिंता नहीं है। आज इन लोगों को कन्हैया अचानक बिहार का होनहार बेटा लगने लगा है,उसके भाषण में दम दिखता है। ये सब इन लोगों की पैंतरेबाजी है।