नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किए गए महिला जन प्रतिनिधियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में रविवार को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर कहा कि पुरुष होता कौन है कि महिलाओं का सशक्तिकरण कर सके, महिलाएं स्वयं सशक्त हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि सर्वे के नतीजे बताते हैं कि जिस परिवार में महिला नहीं होती, वहां पुरुष न तो अच्छी तरह से जिम्मेदारी निभा पाते हैं और ना ही लंबे समय तक जीते हैं। वहीं जिन परिवारों में महिलाओं पर परिवार की जिम्मेदारी होती है, वहां महिलाएं हर चुनौती, हर जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाती है ओर परिवार खुशहाल रहता है।

पीएम ने भारत की महिलाओं को मल्टीटास्किंग बताते हुए कहा कि भारत की महिलाएं हमेशा से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही हैं और परिवार के साथ साथ बाकी सभी काम-काज भी बेहद संतुलित तरीके से संभाल लेती हैं। पीएम ने कहा कि मुझे पता नहीं कि कोई सर्वे हुआ या नहीं, लेकिन महिलाओं और पुरुषों को मिले अवसरों की तुलना करने पर देखेंगे कि महिलाएं अपने अवसरों का बेहतर इस्तेमाल कर पाती हैं।

जन प्रतिनिधियों की भूमिका के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महिला प्रतिनिधियों को जागरुक होना चाहिए। किसी भी कानून में महिलाओं को अपने हित के पक्ष-विपक्ष में कमियां और सकारात्मक पक्ष देखना चाहिए। पीएम मोदी ने महिला जन प्रतिनिधियों से अपील की कि वे विधायिका की भूमिका के प्रति गंभीर हों और अपनी भूमिका के प्रति अधिक से अधिक जागरुकता दिखाएं। महिला जन प्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहचान बनाएं और जमीन-लोगों से जुड़ें।

पीएम मोदी ने महिलाओं को तकीनकी दृष्टि से अधिक जानकार और जागरुक बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि नई तकनीक का इस्तेमाल कर जनसंपर्क और लोकहित का काम ज्यादा अच्छी तरह से कर सकते हैं। उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से महिला जन प्रतिनिधियों के लिए एस साझा ई-प्लेटफॉर्म विकसित करने की अपील की।