लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री मोहम्मद आजम खां ने एक बार फिर बगैर नाम लिये दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी पर निशाना साधा। शुक्रवार को जारी बयान में आजम खां ने कहा कि पिछले चार वर्षों तक महीने में दो-दो बार हवाई जहाज से मुख्यमंत्री से काम कराने के लिए मिलने आना सबको मालूम है, जिन लोगों के काम लिए जाते थे वह कौन थे और काम क्या थे।

 मौलाना बुखारी के संगठन को कांग्रेस का सहायक संगठन करार देते हुए आजम खां ने अपने बयान में कहा है कि मुसलमानों का हितैषी होने के नाम पर दिल्ली में सम्मेलन बुलाकर चार वर्षों तक खामोशी और अब उत्तर प्रदेश में 2017 के चुनाव के मद्देनजर खैरख्वाही का ढोंग करना चाहते हैं? ऐसे लोग यह तो बताएंगे कि जो भी मुस्लिम वोटों का इन हालात में बंटवारा होगा तो उसका लाभ किसको होगा? कौन नहीं जानता कि अगर मुस्लिम वोट बंटेगा तो इसका सीधा फायदा भाजपा को ही होगा।

उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा की सरकार बनवा कर आखिर क्या हासिल कर लेंगे? आजम खां ने कहा कि कांग्रेस या कोई परदेसी दल कार्यकर्ता तक तो हासिल करने में नाकाम हैं, सरकार बनाना तो बहुत दूर की कौड़ी है। ऐसे सम्मेलन मुसलमानों को बड़ी परेशानी में डाल सकते हैं।