नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) द्वारा चिर-प्रतिद्वंद्वियों भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी वर्ल्ड टी-20 का मैच अगर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित नहीं हो पाता है, तो फायदा कोलकाता को हो सकता है। मैच के होने को लेकर गुरुवार को भी असमंजस की स्थिति बनी रही, जबकि सूत्रों ने बताया है कि इस मुकाबले के लिए ईडन गार्डन्स को वैकल्पिक स्टेडियम के रूप में चुना गया है।

कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश सरकार ने धर्मशाला में निर्धारित किए गए मैच के लिए सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने से इंकार कर दिया है, जबकि केंद्र की बीजेपी-नीत सरकार ने गुरुवार को राज्य सरकार के सुरक्षा संबंधी मामलों में दखलअंदाज़ी करने से मना कर दिया, जिससे इस बात को लेकर संदेह बढ़ गया है कि धर्मशाला में मैच हो पाएगा या नहीं।

उधर, पाकिस्तान ने भी टीम की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है। बुधवार को आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एहसान मनी ने साफ कहा कि पाकिस्तानी टीम को धर्मशाला में नहीं खेलना चाहिए।

इस बीच, बीसीसीआई सचिव तथा एचपीसीए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ‘आखिरी वक्त’ में मैच की जगह धर्मशाला से बदलना कतई मुमकिन नहीं है।

अनुराग ठाकुर ने इस दिक्कत का कोई राजनैतिक हल निकालने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मुलाकात की है। अनुराग ठाकुर ने कहा है कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच यह मैच धर्मशाला में नहीं हो पाता है, तो धर्मशाला पर ‘आईसीसी की तरफ से 10 साल का प्रतिबंध’ लगाया जा सकता है।

अनुराग ठाकुर का कहना है कि वह ‘भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मैचों के खिलाफ’ हैं, लेकिन आईसीसी टूर्नामेंटों की ‘अलग बात’ है।