लखनऊ: सांप्रदायिक ताकतें विशेष कर भाजपा और आर.एस.एस. भारत खास तौर पर उत्तर प्रदेश में सत्ता के लिए धार्मिक उन्माद फैलाने और दंगा कराने के लिए आमादा हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री राम शंकर कठेरिया, सांसद बाबू लाल चौधरी और अन्य भाजपा नेताओं ने आगरा में आयोजित शोक सभा में जिस तरीके से एक संप्रदाय विशेष के प्रति भड़काऊ भाषण दिए, उससे स्पष्ट है कि इन नेताओं को मृतक और उसके परिवार से कोई संवेदना नहीं है, इन्हें सिर्फ बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों को आपस में लड़ाकर अपनी राजनीति रोटी सेंकना और देश को बुनियादी मुद्दों से भटकाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रहस्यमयी चुप्पी से देश आशंकित है। उनकी खामोशी से सांप्रदायिक ताकतों का मनोबल बढ़ रहा है और प्रतिक्रिया स्वरूप अल्पसंख्यकों के मन में भय व रोष पनपना लाजिमी है। प्रधानमंत्री तत्काल राम शंकर कठेरिया को बर्खास्त करें और “हेट-स्पीच“ के लिए खेद प्रकट करें। समाजवादी पार्टी की स्पष्ट मान्यता है कि हिन्दू और मुस्लिम दोनों भारत माँ की दो आँखें हैं और दोनों का एकजुट रहना ही भारत माँ के लिए हितकर है। हमारे देश का इतिहास साक्षी है कि देश में कभी भी हिन्दू और मुसलमान आपस में नहीं लड़े, हमेशा कट्टरता व सांप्रदायिकता की लड़ाई उदारता व सामाजिक सद्भाव से होती रही है। श्री यादव ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय एकता व सद्भाव को कमजोर करने वाले लोग राष्ट्रवादी नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि मेरा हिन्दुत्व मुझे सबसे प्रेम करना सिखाता है, मैंने श्रेष्ठ संतों की संगत से सीखा है कि हेट स्पीच देने वाले सच्चे हिन्दू नहीं हो सकते। किसी भी वर्ग की देश भक्ति पर सवाल उठाने की इजाजत किसी दूसरे वर्ग को नहीं दी जा सकती। आजादी की लड़ाई में अशफाक उल्ला खां व भगत सिंह का उतना ही योगदान है जितना पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और चन्द्रशेखर आजाद का है। यह देश जितना हिन्दुओं का है उतना ही मुसलमानों, ईसाइयों और सिक्खों का है। जनता काले धन की वापसी, बढ़ती मंहगाई, अमीरी-गरीबी का अंतर, प्रशासनिक भ्रष्टाचार से जुड़े सवाल न पूछे इसलिए जानबूझ कर भाजपा और आर.एस.एस. नेतृत्व के इशारे पर भाजपा व विहिप के छुटभैये नेता प्रदेश की सामाजिक संरचना बिगाड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी व सरकार के विरुद्ध भाजपा के पास कोई तथ्य और तर्क नहीं है इसलिए उत्तर प्रदेश में माहौल बिगाड़ने की राजनीति कर रहे हैं।