कृषि और किसान कल्याण के लिए 35,984 करोड़ रुपए का आवंटन

नई दिल्ली। देश के वित्तीय बजट में इस बार किसानों और कृषि पर केंद्र सरकार ने खासा जोर दिया है। कृषि और किसान कल्याण के लिए 35,984 करोड़ रुपए का आवंटन इस बजट में किया गया है। इसके अतिरिक्त नाबार्ड में लगभग 20, 000 करोड़ रुपए की प्रारंभिक निधि से सिंचाई निधि बनाने की योजना, मनरेगा के तहत वर्षा वाले इलाकों में 5 लाख फार्म तालाबों, कुओं का निर्माण करना सरकार के लक्ष्य में रखा गया है।

केंद्र सरकार द्वारा फसल बीमा योजना बनाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अलग अलग राज्यों में किसान रैली कर इस योजना का प्रचार कर रहे हैं। एक्सपर्ट इसे जमीन अधिग्रहण बिल को लेकर सरकार की खराब हुई छवि को सुधारने की कोशिश के रूप में देख रहे हों। वजट हो भी हो, केंद्र सरकार के 2016-17 बजट में जोर किसानों पर ही रहा।

वित्त मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को मिशन मोड में लागू किया जाएगा। वित्त मंत्री ने मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ की धनराशि आवंटित करते हुए एक हैरान कर देने वाली बात कही। जेटली ने कहा कि इतनी धनराशि कभी भी मनरेगा के लिए आवंटित नहीं की गई है। इस बजट का सरकार का कृषि पर खासा जोर रहा है। पीएम ग्राम सड़क योजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

वित्त मंत्री का ध्यान कृषि की पद्दति को बदलने पर भी दिखाई दिया। बजट में ऐलान किया गया है कि अगले तीन सालों में 5 लाख एकड़ कृषि भूमि को जैविक खेती के अंतर्गत लाया जाएगा। इसके साथ ही, 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार अपने प्रयासों को नए सिरे से तैयार करेगी। वित्त मंत्री ने पीएम फलस बीमा योजना का जिक्र भी अपने बजट में किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत नाम मात्र के प्रीमियम पर सबसे ज्यादा क्षतिपूर्ति किसानों को दी जाएगी।