नई दिल्ली। आत्महत्या करने वाले हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की मां ने शुक्रवार को कहा कि मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने असली मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए उनके पुत्र पर बेवजह संगीन आरोप लगाए हैं।

रोहित की मां और उसके एक करीबी मित्र ने संवाददाताओं से कहा कि रोहित को एक राष्ट्र विरोधी और उग्रवादी के तौर पर पेश करने की कोशिश की गई है। यह संगीन आरोप हैं जो सरासर झूठे हैं। रोहित की मां ने कहा कि उनके बेटे को शोध कार्यों के लिए मिलने वाली राशि सात महीनों से रोक दी गई थी।

इस बीच मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से विश्वविद्यालय को भेजे पत्र में वेमुला को देश विरोधी और उग्रवादी बताया गया था। रोहित के एक दोस्त ने अपने मित्र के खिलाफ इस तरह की गलत बयानबाजी के लिए ईरानी के खिलाफ कार्रवाई

की मांग की। उसने कहा ईरानी संसद में लगातार गलत बयान दे रही हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। उसने कहा कि श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने भी उसके दोस्त रोहित को उग्रवादी बताया था,लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। वह बस इतना कहकर रह गए कि देश ने एक लाल खोया है।

उसने आगे कहा, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वह जिसे लाल कह रहे हैं, उसी लाल पर उनके ही एक मंत्री ने देश विरोधी होने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की। रोहित के दोस्त ने यह भी कहा कि ईरानी ने संसद में यह भी कहा कि रोहित के आत्महत्या मामले की जांच समिति में उसके छात्रावास के मुख्य वार्डन भी शामिल थे। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं था। वह चाहें तो इसका पता लगा सकती हैं। इस बारे में मंत्री ने झूठ बोला है।

दोस्त ने यह भी कहा कि केन्द्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत यह दावा कर रहे हैं कि रोहित दलित नहीं था। असलियत यह है कि रोहित के पास दलित होने का प्रमाणपत्र मौजूद था।