पुणे। श्रेयस अय्यर (117) के शानदार शतक के बाद शार्दुल ठाकुर की जबरदस्‍त गेंदबाजी(26/5) की बदौलत मुंबई ने रणजी ट्राफी के फाइनल मुकाबले में सौराष्ट को एक पारी और 21 रन से हरा रिकॉर्ड 41 वीं बार रणजी चैंपियन बना है। श्रेयस अय्यर को शानदार शतकीय पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। फाइनल मैच में मुंबई ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय ले लिया था

मुंबई ने धवल कुलकर्णी (42/5) और शार्दुल ठाकुर (89/3) की शानदार गेंदबाजी की मदद से सौराष्‍ट्र को पहली पारी में 235 रन पर समेट दी। इसके जवाब में मुंबई ने श्रेयस अय्यर (117) और सिद्धेश लाड (88) की पारियों के बूते 371 रन बनाए। इस तरह पहली पारी के आधार पर मुंबई को 136 रन की बढ़त मिली थी।

सौराष्ट की टीम अपनी दूसरी पारी में मुंबई के गेंदबाजों का सामना नहीं कर पाई। मुंबई के गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने दूसरी पारी में सौराष्ट के पांच विकेट लिए है। दूसरी पारी में सौराष्ट की पूरी टीम 115 रन ही बना सकी। इस तरह मुंबई को पारी और 21 रन जीत मिल गई।

सौराष्ट्र की दूसरी पारी में शार्दुल ठाकुर की कहर बरपाती गेंदों के सामने कोई बल्लेबाज टिक नहीं सका। उन्होंने दूसरी पारी के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर चेतेश्वर पुजारा (27) को हरवधकर के हाथों कैच कराकर अपना पहला शिकार किया। इसके बाद शार्दुल ने सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव शाह (13), चिराग जानी (11), दीपक पुनिया (3) को जल्दी-जल्दी पैवेलियन भेजा। हार्दिक राठौड़ (2) को क्लीन बोल्ड करने के साथ ही शार्दुल ने मुंबई को 41वीं बार रणजी ट्रॉफी का चैंपियन बना दिया।

आपको बता दें कि सौराष्ट्र की टीम दूसरी बार फाइनल में पहुंची थी। इससे पहले भी उसे मुबई ने ही हराया था। उस समय भी मुबई पारी से ही जीता था। रणजी ट्राफी के इतिहास मुंबई अब तक 45 बार रणजी ट्राफी के फाइनल में पहुंच चुका है और उसे 41 बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल हुआ है।