नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनीवर्सिटी में अफजल गुरु के समर्थन और भारत के खिलाफ नारे लगाने के मामले में देशद्रोह और आपराधिक साजिश के पांचों आरोपी छात्रों के अचानक सामने आने के बाद पुलिस और जेएनयू प्रशासन में रस्साकशी जारी है और पहले आप पहले आप वाला खेल चल रहा है । एक तरफ दिल्ली पुलिस जेएनयू में दाखिल होकर पांचों आरोपी छात्रों को गिरफ्तार करने के बजाए उन्हें आत्मसमर्पण करने को कह रही है तो वहीं जेएनयू प्रशासनिक भवन के बाहर बैठे पांचों आरोपी छात्र कह रहे हैं कि गिरफ्तार होने को तैयार हैं लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। इस बीच जेएनयू वाइस चांसलर ने दिल्ली पुलिस को परिसर में दाखिल होने से मना कर दिया है।

पिछले करीब दस दिन से फरार देशद्रोह के आरोपी जेएनयू के पांचों छात्र रविवार को अचानक कैंपस में प्रकट हुए। उमर खालिद सहित पांचों छात्र रविवार रात से ही जेएनयू प्रशासनिक भवन के बाहर बैठे हुए हैं। प्रशासनिक भवन के बाहर इन पांचों आरोपी छात्रों के समर्थन में छात्रों और शिक्षकों की भीड़ रात से ही जुटी है। उमर खालिद के साथ-साथ अनिर्बान, रियाज, आशुतोष और रामा नागा ने भी रात में जेएनयू के छात्रों को संबोधित किया।

उमर खालिद ने रविवार की रात दिए अपने भाषण में कहा कि मेरा नाम उमर खालिद जरूर है लेकिन मैं आतंकवादी नहीं हूं। ये लड़ाई 5-6 लोगों या इस विश्वविद्यालय की नहीं बल्कि देश के हर विश्वविद्यालय की है। पिछले 10 दिन में मुझे अपने बारे में ऐसी-ऐसी बातें पता चलीं जो मुझे खुद नहीं पता थीं। मुझे पता चला कि मैं दो बार पाकिस्तान होकर आया हूं, जबकि मेरे पास पासपोर्ट ही नहीं है। फिर मुझे पता चला कि मैं ही मास्टरमाइंड हूं। पिछले कुछ दिनों में मैंने आठ सौ कॉल कश्मीर और खाड़ी देशों में किए हैं। कहां किए, किससे बात की, इसका कोई सबूत नहीं है। जैश से मेरा नाम जोड़ा गया, जब पहली बार मैंने खुद ये सुना तो हंसी आई।

खालिद ने कहा कि ये मीडिया ट्रायल है। आईबी और एजेंसियों ने कह दिया है कि जैश-ए-मोहम्मद से मेरा कोई लिंक नहीं है लेकिन किसी ने माफी मांगना तक जरूरी नहीं समझा। वहीं खालिद के साथ पिछले दस दिन से फरार रामा नागा ने कहा कि उस दिन नारेबाजी जरूर हुई थी लेकिन ये हम लोगों ने नहीं की, बल्कि बाहर से आए लोगों ने नारे लगाए थे।

इस बीच छात्रों और शिक्षकों ने जेएनयू वीसी को ज्ञापन देकर पुलिस के परिसर में दाखिल होने से रोक लगाने, मामले की जांच के लिए नया पैनल बनाने और छात्रों पर देशद्रोह और दूसरी गंभीर धाराओं में दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने की मांग की। कल रात से जेएनयू के शिक्षक और छात्र बड़ी संख्या में प्रशासनिक भवन पर इकट्टठा हैं। प्रशासनिक भवन के बाहर धरने पर बैठे पांचों छात्रों का कहना है कि वो गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं। पुलिस परिसर में दाखिल होकर उन्हें गिरफ्तार करे। जबकि पुलिस की कोशिश है कि पांचों आरोपी छात्र जेएनयू गेट के बाहर आएं और आत्मसमर्पण करें।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पांचों आरोपी छात्रों को पूछताछ में शामिल होना चाहिए। अगर वो निर्दोष हैं तो उन्हें अपने निर्दोष होने का सबूत देना चाहिए। पटियाला हाउस कोर्ट में दो-दो बार हुए बवाल और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से घबराई पुलिस किसी भी सूरत में जेएनयू में दाखिल होना नहीं चाहती। पुलिस को आशंका है कि जेएनयू में दाखिल होते ही वहां के हालात खराब हो जाएंगे और कानून व्यवस्था को लेकर बखेड़ा खड़ा हो सकता है।

पुलिस को किसी भी सूरत में बल का प्रयोग नहीं करने की हिदायत मिली हुई है। फिलहाल पुलिस जेएनयू के वाइस चांसलर के संपर्क में है और छात्रों द्वारा गेट पर आकर आत्मसमर्पण करने का इंतजार कर रही है। इस बीच रोहित वेमुला की आत्महत्या के खिलाफ मंगलवार को रैली निकालने के लिए दिल्ली आए हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी जेएनयू पहुंचकर अपना समर्थन जताया।